Jagdeep Dhankhar: राज्यसभा में बृहस्पतिवार को उस समय सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक पाए जब सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस के एक सदस्य से कहा कि वह यहां भगवान महादेव की कृपा से नहीं, बल्कि आसन की अनुमति से बोल रहे हैं.
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Jagdeep Dhankhar: राज्यसभा में बृहस्पतिवार को उस समय सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक पाए जब सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस के एक सदस्य से कहा कि वह यहां भगवान महादेव की कृपा से नहीं, बल्कि आसन की अनुमति से बोल रहे हैं.
महादेव की कृपा से मैं बोलूंगा...
सदन में यह वाकया उस समय हुआ, जब कांग्रेस सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह आम बजट पर चर्चा में भाग ले रहे थे. उन्होंने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की किसी टिप्पणी के बाद कहा, ‘‘महादेव की कृपा से मैं बोलूंगा....’’ इस पर सभापति धनखड ने कहा, ‘‘अखिलेश जी, बोलने के लिए अनुमति आसन से मिली है. महादेव जी को किसी और काम के लिए उपयोग कीजिएगा...महादेव जी हम सबके हैं, महादेव का उपयोग कभी और कीजिए.’’
सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक पाए
सभापति की इस टिप्पणी पर सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक पाए. सभापति ने आगे कहा, ‘‘आपका और गिरिराज जी का सीधा संबंध है. कांग्रेस सदस्य सिंह ने मजाकिया लहजे में कहा, वह (गिरिराज सिंह) चुनाव में भी कहते हैं कि मेरी तरफ मत आइएगा.’’ इस पर फिर एक बार सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक सके.
हमारे पास रहने के लिए एक ही ग्रह..
गुरुवार को ही सभापति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा में कहा कि हमारे पास रहने के लिए एक ही ग्रह (पृथ्वी) है और दूसरा ग्रह नहीं है. उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान ग्रीन इंडिया मिशन को लेकर पूछे गए पूरक प्रश्नों के जवाब के दौरान सभापति धनखड़ ने कहा ‘‘हमारे पास एक ही ग्रह ‘पृथ्वी’ है और दूसरा ग्रह नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि हम पहले जलवायु को समझें और फिर जलवायु परिवर्तन को. सभापति ने यह भी कहा कि उन्होंने सदन के हर सदस्य से 200 पेड़ लगाने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा ‘‘मैंने हर सदस्य से 200 पेड़ लगाने का आग्रह किया था. मैं इसका पालन कर रहा हूं. मैं मान कर चल रहा हूं कि सदस्य यह काम कर रहे होंगे. इसकी जानकारी सचिवालय को होगी.’’
(एजेंसी इनपुट के साथ)