भुवनेश्वर: ओड़िशा सरकार का कहना है कि वे रसगुल्ला के अपने संस्करण के लिए भौगोलिक संकेतक (जीआई) दर्जे की मांग करेगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के जरिए राज्य को प्रसिद्ध रसगुल्ला मिठाई के लिए जीआई दर्जा मिलने के कुछ घंटों बाद ही ओड़िशा सरकार ने रसगुल्ला के जीआई दर्जे की मांग रख दी. ओड़िशा सरकार ‘ओड़िशारा रसगुल्ला’ के लिए जीआई दर्जे को हासिल करने की प्रक्रिया में है. ओड़िशा के वित्त मंत्री शशिभूषण बेहेरा ने कहा, ‘‘यह जीत या हार का सवाल कहां है? हमने पाहल रसगुल्ला के लिए जीआई दर्जे के लिए अभी तक आवेदन नहीं किया है.’’ उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘हमारा आवेदन प्रक्रिया में है और ओड़िशा सरकार जल्द ही कदम उठाएगी.’’


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गौरतलब है कि लोकप्रिय मिठाई रसगुल्ले को लेकर पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के बीच चली आ रही रस्साकशी के बीच ‘बांगलार रॉसोगोल्ला’ को भारतीय पेटेंट कार्यालय से विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र के उत्पाद का प्रमाण पत्र मिला है. पश्चिम बंगाल ने इस मामले में ओड़िशा से बाजी मारी है. ओड़िशा अपने रसगुल्ले के लिए विशिष्ट भौगोलिक प्रमाण-पत्र का दावा कर रहा था. इस बात को लेकर पश्चिम बंगाल और पड़ोसी ओड़िशा के बीच जून 2015 से इस बात को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है कि रसगुल्ले का मूल कहां है.


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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ट्विटर के जरिए अपनी खुशी जाहिर करते हुए लिखा था, ‘हमारे लिए खुशखबरी है. हम इस बात को लेकर खुश एवं गौरवान्वित हैं कि पश्चिम बंगाल को रसगुल्ले के लिए जीआई का दर्जा दिया गया है.’’


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भौगोलिक संकेतक यानि जीआई एक चिन्ह है जिसे वैसे उत्पाद को दिया जाता है जो स्थान विशेष से ताल्लुक रखता है और जिसकी वजह से उसकी विशेष गुणवत्ता या पहचान होती है.


(इनपुट एजेंसी से)