बुजुर्ग 4KM तक हाथगाड़ी खींचकर बीमार पत्नी को ले गया अस्पताल, फिर भी नहीं बची जान
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बुजुर्ग 4KM तक हाथगाड़ी खींचकर बीमार पत्नी को ले गया अस्पताल, फिर भी नहीं बची जान

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई जिसने हर एक का दिल दहला दिया. इस तस्वीर में एक बुजुर्ग शख्स अपनी पत्नी की जान बचाने के लिए हाथगाड़ी खींचता दिख रहा है.

फोटो साभार: Instagram

नई दिल्ली: इंसान अपने जीवन साथी को खुद से भी ज्यादा प्रेम करता है, वह उसकी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. इस बात का उदाहरण हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली एक तस्वीर में सामने आया. जिसमें एक वृद्ध व्यक्ति अपनीबीमार पत्नी को हाथगाड़ी पर अस्पताल ले जाते नजर आ रहा है. ये शख्स उत्तर प्रदेश के बलिया के चिलकहर ब्लॉक में रहने वाले शुकुल प्रजापति हैं, जो 4 किलोमीटर तक हाथगाड़ी चलाकर भी अपनी पत्नी को बचा नहीं सके.  

  1. शख्स ने पत्नी की जान बचाने के लिए 4 KM चलाई हाथगाड़ी
  2. डॉक्टर ने किया जिला अस्पताल रेफर लेकिन नहीं मिला वाहन 
  3. इलाज के दौरान हुई महिला की मौत, अब जांच के आदेश 

रेफर किया लेकिन नहीं मिला कोई वाहन

दरअसल, शुकुल प्रजापति ने अपनी बीमार पत्नी को ठेले पर अस्पताल पहुंचाया. करीब 4  किलोमीटर तक हाथगाड़ी चलाने के बाद जब वह Community Health Center पहुंचे तो उनकी पत्नी को बलिया रेफर कर दिया गया. उन्हें कोई ठीक वाहन नहीं मिला फिर शुकुल ने किसी तरह टेंपो से अपनी पत्नी को बलिया के जिला अस्पताल पहुंचाया. लेकिन समय ज्यादा बीत चुका था और इलाज के दौरान ही शुकुल की पत्नी की मौत हो गई थी. ये घटना 28 मार्च की बताई जा रही है. 

मंत्री ने दिए जांच के आदेश

आपको बता दें कि शुकुल प्रजापति बहुत गरीब हैं, इसलिए उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि पत्नी का प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवा पाते. शुकुल का कहना है कि CHC पहुंचने के बावजूद उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली. इस तस्वीर के वायरल होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ब्रिजेश पाठक ने इस पूरे मामले के जांच के आदेश दिए हैं. अधिकारियों ने मंगलवार को ये जानकारी दी. मुख्य चिकित्सा अधिकारी नीरज पांडे ने मंगलवार को बताया कि उप मुख्यमंत्री पाठक ने महानिदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) को मामले की जांच के आदेश दिए हैं.  

शुकुल ने सुनाया दर्दनाक वाकया

इस पूरी घटना को

लेकर खुद शुकुल ने भी आपबीती सुनाई है. उन्होंने बताया कि 28 मार्च को पत्नी को अस्पताल ले जाने का कोई साधन नहीं मिला, तो वे उसे ठेले पर लेकर चिलकहर स्वास्थ्य केंद्र चले गए. चिकित्सकों ने कुछ दवाएं देकर पत्नी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया. जिसके बाद वे अपनी पत्नी को पियारिया गांव में ठेले पर ही छोड़कर कपड़े और पैसे लेने घर गए. फिर पत्नी को टेंपो से लेकर अस्पताल पहुंचे. लेकिन उनकी पत्नी की जान नहीं बच सकी.

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शव ले जाने में 1100 हुए खर्च 

इस मामले में पुलिस ने बताया कि अस्पताल में इलाज के दौरान महिला पत्नी की मौत हो गई. शुकुल ने दावा किया कि उसकी पत्नी की मौत रात करीब 11 बजे हुई, और अस्पताल ने शव घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराई. जिसके बाद उन्होंने 1100 रुपये में निजी एम्बुलेंस की. (INPUT: भाषा)

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