16 जनवरी से आपका आधार सबसे ज्यादा जरूरी दस्तावेज बन जाएगा, क्योंकि इसकी जरूरत न सिर्फ सरकारी योजनाओं में, बल्कि कोरोना की वैक्सीन लगवाने में भी होगा
आधार कार्ड भारत सरकार की कई योजनाओं का आधार बन चुका है, लेकिन अब इससे जिंदगियां भी जुड़ गई हैं. जी हां, 16 जनवरी से आपका आधार सबसे ज्यादा जरूरी दस्तावेज बन जाएगा, क्योंकि इसकी जरूरत न सिर्फ सरकारी योजनाओं में, बल्कि कोरोना की वैक्सीन लगवाने में भी होगा. जानें, क्यों जरूरी बन चुका है आधार...
भारत सरकार ने 16 जनवरी से विश्व की सबसे बड़ी वैक्सिनेशन ड्राइव के शुरूआत की घोषणा की है. सरकार ने 3 करोड़ कोरोना फ्रंट वर्कर्स के साथ ही 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित(50 वर्ष से कम उम्र) लोगों को भी कोरोना की वैक्सीन लगवाने का फैसला किया है.
सरकार ने आधार कार्ड के मोबाइल नंबर से जुड़े होने पर ही वैक्सीन लगाने का निर्णय लिया है. इसके लिए लोगों को रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत होगी, जिसकी पहचान आधार और उससे जुड़े मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी से की जाएगी. यही वजह है कि अब आधार आम लोगों की जिंदगियों से भी जुड़ चुका है.
मौजूदा समय में आधार का इस्तेमाल सरकारी सब्सिडी पाने, सरकार की योजनाओं जैसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर में होता है. यहां तक कि किसानों को तिमाही मिलने वाली 2000 रुपयों की राशि भी आधार से जुड़े खाते में ही मिलती है.
सरकार ने पैन कार्ड को आधार से लिंक कराना जरूरी कर दिया है. यही नहीं, बैंक में खाता खोलने के लिए भी आधार जरूरी दस्तावेज बन चुका है. आईटीआर भरने के लिए भी आधार से जुड़ा पैन कार्ड अनिवार्य है. ऐसे में 16 जनवरी से यकीनन आधार आम लोगों की जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज बन जाएगा.
कोरोना वैक्सिनेशन के लिए भारत सरकार ने Co-Win digital platform बनाया है. जिसमें आधार से जुड़े मोबाइल पर ओटीपी आने के बाद ही पहचान की प्रक्रिया पूरी होगी. यही नहीं, वैक्सीन की पहली डोज पाते ही तुरंत एक डिजिटल वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट भी जेनरेट होगा. और यहीं से दूसरी डोज के लिए रिमाइंडर भी मिलेगा. अगर आपके पास आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर नहीं है, तो आपको वैक्सिनेशन में शामिल नहीं किया जाएगा.
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