आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में महागठबंधन ने बिहार चुनाव (Bihar Election Results) में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन बहुमत से दूर रह गए.
तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी के मुद्दे को बड़े पैमाने पर उठाया और 10 लाख नौकरियों का वादा किया, लेकिन इसको लेकर उन्होंने कभी इस बात को साफ नहीं किया कि इतनी नौकरी देने के लिए पैसे कहां से आएंगे. नीतीश कुमार ने इस बात को लेकर हर रैली में तेजस्वी पर निशाना साधा था.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार लालू परिवार पर घोटाले का आरोप लगाते रहे हैं और यहीं कारण है कि तेजस्वी यादव की पार्टी को चुनाव में नुकसान हुआ.
तेजस्वी यादव पूरे चुनाव के दौरान सीधी तौर पर नीतीश कुमार पर हमले करते रहे, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने से बचते रहे. पीएम मोदी की के प्रति लोगों के रुझान के कारण आरजेडी (RJD) को नुकसान हुआ.
तेजस्वी यादव स्थानीय विकास, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, मुद्रास्फीति और गरीबी के मुद्दे को हमेशा उठाया और हमेशा आम आदमी के दिल तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय मुद्दों से दूरी बनाई और यह उनकी पार्टी से लिए नुकसान का कारण बना.
आरजेडी ने इस बार चुनाव में वामपंथी पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा. तेजस्वी की पार्टी ने सीपीआई को छह, सीपीएम को चार और सीपीआईएमएल को 19 सीटें दी. वामपंथी दलों के साथ चुनाव लड़ने से तेजस्वी को नुकसान हुआ, क्योंकि इन पार्टियों का प्रदर्शन काफी खराब रहा.
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