यह तो सब लोग जानते हैं कि भारत में सबसे पहले सूर्योदय अरुणाचल प्रदेश में होता है. लेकिन इस बात से बहुत कम लोग परिचित होंगे कि अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में वह कौन सी जगह है, जहां पर भारत में सबसे पहले सूर्य की किरण (First sunrise place in India) पड़ती है. आज हम आपको उस जगह का नाम बताते हैं. साथ ही यह भी बताते हैं कि वहां पर सूर्योदय और सूर्यास्त कितने बजे हो जाता है.
भारत में जिस जगह सूर्य की सबसे पहले किरण पड़ती हैं, उसका नाम डोंग (Dong) है. यह भारत, चीन और म्यांमार के ट्राइजंक्शन पर बसा अरुणाचल प्रदेश का छोटा सा गांव है. इसे आप पूर्वोत्तर छोर पर बसा भारत का पहला गांव भी कह सकते हैं. भारत के इसी गांव में सूर्य की सबसे पहली किरण (First sunrise place in India) पड़ती हैं.
सुबह के 3 बजे जब दिल्ली-मुंबई समेत देश के अधिकांश भागों के लोग गहरी नींद में सो रहे होते हैं. तब इस डोंग गांव (Dong Valley) में सूर्य की पहली किरण पड़ती है और सुबह 4 बजे तक पूरी तरह उजाला हो जाता है. इसके साथ ही लोग अपने रूटीन काम धंधे में जुट जाते हैं.
डोंग गांव में करीब 12 घंटे का दिन होता है. शाम 4 बजे जब देश के बाकी हिस्सों के लोग चाय की तैयारी कर रहे होते हैं, तब तक इस गांव में रात हो जाती है. साथ ही लोग रात का खाना बनाने और सोने की तैयारी में लग जाते हैं.
डोंग गांव (Dong Valley) प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है. वह लगभग 1240 मीटर की ऊंचाई पर है. यह गांव लोहित नदी और सती नदी के जंक्शन पर बसा है. इस गांव में भारत की सीमाएं चीन और म्यांमार से मिलती हैं. इस गांव की आबादी मुश्किल से 35 लोगों की है. ये सभी लोग यहां झोपड़ियों में रहने वाले 3-4 परिवारों से हैं.
अरुणाचल प्रदेश के पीडल्ब्यूडी विभाग ने पास के वालोंग गांव में पर्यटकों के रहने के लिए गेस्ट हट और दूसरी सुविधाएं जुटाई हैं. जिसके बाद अब यह देसी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है. बड़ी संख्या में पर्यटक इस गांव में सूरज की सबसे पहली किरण देखने आते हैं. वे गांव में एक चोटी पर खड़े होकर सूर्योदय का आनंद लेते हैं.
यह गांव 1999 में प्रकाश में आया था. उससे पहले तक माना जाता था कि भारत में सूर्य की पहली किरण अंडमान के कटचल टापू पर पड़ती हैं. बाद में पता चला कि अंडमान नहीं बल्कि अरुणाचल प्रदेश के डोंग गांव (Dong Valley) में सबसे पहले सूर्योदय होता है. इसके बाद यहां पर पर्यटकों, नेचर लवर और रोमांच को पसंद करने वाले लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया.
इस गांव के सभी लोग खेतीबाड़ी से जुड़े हैं. वे लोग गांव में पहुंचने वाले पर्यटकों को फूड, स्नैक्स और फल बेचकर अपना गुजारा करते हैं. डोंग गांव (Dong Valley) में फिलहाल सुविधाओं का अभाव है. जिसके चलते पर्यटकों यहां सुबह की पहली किरण देखने और कुछ घंटे गांव में बिताने के बाद वापस वालोंग गांव लौट जाते हैं. अरुणाचल प्रदेश सरकार अब इलाके की सूरत सुधारने में जुटी हैं.
वालोंग वह गांव है, जहां पर भारत-चीन के बीच 1962 का भीषण युद्ध लड़ा गया था. उस युद्ध के बाद इस इलाके में भारत की मजबूत सैन्य उपस्थिति बनी हुई है. वालोंग में पर्यटकों के रहने-खाने की सुविधाएं मौजूद हैं. वहां से 8 किलोमीटर का ट्रैक करके वे डोंग गांव पहुंच सकते हैं. डोंग गांव (Dong Valley) के पास ही किबिथू गांव में भारत की पूर्वी क्षेत्र में आखिरी सैन्य छावनी है. जिसके बाद चीन का इलाका शुरू हो जाता है.
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