देश के सशस्त्र बलों को तेजी से आधुनिक बनाने में जुटे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ऐसी एक खतरनाक राइफल तैयार कर ली है. जो एक मिनट में 700 गोलियां दाग सकती है. DRDO ने इस राइफल का नाम जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन यानी JPVC दिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक DRDO ने हाईटेक कार्बाइन (Carbine) विकसित कर ली है. यह कार्बाइन सेना के परीक्षणों में भी सफल पाई गई है. ट्रायल का अंतिम चरण पूरा होने के बाद अब कार्बाइन तीनों सेनाओं व अन्य अर्धसैनिक बलों में इंडक्शन के लिए तैयार है.
अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह लेटेस्ट कार्बाइन (Carbine) सेना में इस्तेमाल हो रही 9 एमएम कार्बाइन की जगह लेगी. इसके साथ ही इसे अब CRPF, BSF, ITBP, SSB, CISF और राज्य पुलिस बलों के बेड़े में भी शामिल किया जाएगा.
DRDO सूत्रों के मुताबिक इस हथियार का तकनीकी नाम जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन यानी JPVC है. यह एक गैस चालित सेमी ऑटोमेटिक हथियार है. DRDO की पुणे लैब Armament Research and Development Establishment में इसका डिजाइन तैयार किया गया है.
यह कार्बाइन (Carbine) कम रेंज की लड़ाई के लिए खास हथियार है. ये इतनी हल्की है कि जवान एक हाथ से भी आराम से इससे फायरिंग कर सकते हैं. लड़ाई के दौरान इसे कैरी करने में भी सैनिकों को कोई दिक्कत नहीं होगी.
DRDO के मुताबिक ये कार्बाइन (Carbine) दायें-बायें किसी को नुकसान पहुंचाए बिना सीधे टारगेट पर हमला कर सकती है. एक बार ट्रिगर दबा देने पर इसमें से एक मिनट में 700 गोलियां फायर हो जाती हैं. यह गति इतनी तेज है कि यदि इसे किसी पौधे पर फायर किया जाए तो उसके सारे पत्तों तक को साफ किया जा सकता है. इस कार्बाइन की गोलियां पुणे की हथियार फैक्ट्री में तैयार की जाएंगी.
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