सूत्रों के अनुसार, पहले पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन मामले को सुसाइड बता रहे थे, लेकिन अब इस केस में मर्डर की FIR दर्ज की गई है. गौरतलब है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण लटकने के चलते दम घुटना बताया गया है. मृतका के पिता की लिखित शिकायत पर रविवार देर शाम यूनिवर्सिटी के गृह विज्ञान विभागाध्यक्ष और उनके सहायकों के खिलाफ मर्डर का केस दर्ज किया गया.
पुलिस ने बताया कि परिजनों ने सोमवार को शव का अंतिम संस्कार कर दिया. पुलिस अधीक्षक (नगर) सोनम कुमार ने बताया कि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी. गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी. ने बताया कि पोस्टमार्टम दो डॉक्टरों के पैनल और वीडियोग्राफी के साथ किया गया था और रिपोर्ट के अनुसार 'एंटीमार्टम हैंगिंग' के कारण दम घुटने से लड़की मौत हुई है.
उन्होंने कहा कि परिवार की शिकायत के आधार पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है और परिवार के अनुरोध पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा गठित 5 डॉक्टरों का पैनल पोस्टमार्टम वीडियो का रिव्यू करेगा. उन्होंने कहा कि चौरी चौरा के क्षेत्राधिकारी को निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये गए हैं.
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और भारतीय जनता पार्टी के नगर विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल सहित विभिन्न राजनीतिक दलों की छात्र शाखा ने इस मामले में न्याय की मांग की है. विधायक ने परिवार से मुलाकात कर उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़कर सुनाई है. पोस्टमार्टम के अनुसार एंटीमार्टम चोट से दम घुटने से मौत हुई है.
जानकारी के अनुसार, छात्रा शनिवार को परीक्षा देने यूनिवर्सिटी गई थी और वहीं के एक स्टोर में उसका शव दुपट्टे से लटका मिला. उसके पिता ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर एतराज करते हुए अपनी शिकायत में कई सवाल उठाए हैं, जैसे लड़की के पैर जमीन को छू रहे थे, उसके कपड़े धूल और मिट्टी से गंदे थे, उसकी चप्पल कमरे में शरीर से दूर पड़ी थी.
शिकायत में उसके पिता विनोद कुमार ने यह भी कहा कि उन्होंने अपनी बेटी के सिर में चोट देखी और उसकी कलाई घड़ी गायब थी. अब परिवार को प्रशासन और अदालत से न्याय की उम्मीद है. (इनपुट: भाषा)
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