कोरोना काल में बेरंग हुए कश्मीर के पर्यटन उद्योग को बर्फबारी ने नया रंग दे दिया है. गुलमर्ग समेत कश्मीर के सभी हिल स्टेशन एक बार फिर से जीवित हो उठे हैं.
पर्यटकों की भारी संख्या देख कश्मीर का ताज गुलमर्ग चहक उठा है. हालांकि बर्फबारी के कारण तापमान में काफी गिरावट आई है. दिन में भी तापमान शून्य से ऊपर नहीं आ रहा है. मगर पर्यटकों के जोश और खुशी इस ठंड के प्रकोप पर भारी पड़ती दिख रही है.
बर्फबारी से जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग तो खुला है. लेकिन मुगल रोड और श्रीनगर लेह राजमार्ग यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. जबकि टांगमर से गुलमर्ग तक जाने के लिए रास्ता खोल दिया गया है. वहीं गुलमर्ग जाने के इंटीरियर रास्तों को खोलने का काम भी शुरू कर दिया गया है.
कोरोना काल में बेरंग हुए कश्मीर के पर्यटन उद्योग को बर्फबारी ने नया रंग दे दिया है. गुलमर्ग समेत कश्मीर के सभी हिल स्टेशन एक बार फिर से जीवित हो उठे हैं. बर्फबारी के बाद से ही बड़ी संख्या में पर्यटकों ने यहां आना शुरू कर दिया है.
दरअसल, कश्मीर घाटी के ऊपरी इलाकों में साल की दूसरी बर्फबारी हो रही है. मौसम विभाग ने अगले एक दिन तक बर्फबारी जारी रहने के संकेत दिए हैं. IMD के अनुसार, गुलमर्ग, सोनमरग और पहलगाम जैसे हिल स्टेशनों पर ज्यादा बर्फबारी की उम्मीद है.
बर्फबारी के दौरान घाटी में होने का आनंद इन पर्यटकों के चहरे पर साफ नजर आ रहा है. जहां एक तरफ कुछ पर्यटक बर्फ के गोले बनाकर एक दूसरे के साथ खेलते नजर आए. तो वही कुछ कश्मीर की वादियों में सुहाने मौसम के दौरान इस खूबसूरत पल को तस्वीरों में कैद करने की जद्दोजहद में दिखे.
स्थानीय लोग माने तो घाटी में ये बर्फबारी उनके लिए किसी तोहफे से कम नहीं है. वह यही प्रार्थना करते हैं कि बर्फबारी ज्यादा से ज्यादा हो. ताकि पर्यटन उद्योग को नई उछाल मिल सके.
जानकारों की मानें तो जम्मू-कश्मीर सरकार क्रिसमस (Christmas) और नए साल (New Year 2021) के दौरान विशेष छूट और प्रस्तावों की भी योजना बना रही है. हर साल की तरह दिसंबर के अंतिम सप्ताह के लिए गुलमर्ग में बहुत सारे होटलों में बुकिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है. पर्यटन विभाग वाइट क्रिसमिस की तैयारी में है.
सरकार घरेलू पर्यटकों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है. क्योंकि उन्हें अभी भी नहीं लगता कि कोरोना के लागू प्रतिबंधों के कारण इस वर्ष बहुत ज्यादा विदेशी पर्यटक वहां आएंगे. हालांकि विशेष कोरोना गाइडलाइन का पर्यटकों और अधिकारियों द्वारा अनुसरण किया जा रहा है.
मौसम विभाग की मानें तो कश्मीर घाटी में के कई ऊपरी इलाकों में मीडियम डेंजर हिमस्खलन हो सकता है. ऐसे में सबसे ज्यादा खतरा कपवार, गुलमर्ग, सोनमरग, केरन तंगदार, जैसे इलाकों में होगा. इसके अलावा अनंतंग, कुलगाम, बरामुल्लह, बंदिपोर और गंदेरबल जैसे इलाकों में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करते हुए हाई अलर्ट में रहने के लिए कहा गया है.
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