सांप के काटने से सबसे ज्यादा प्रभावित लोग दुनियाभर के ग्रामीण इलाकों से होते हैं. आम धारणा है कि सभी सांप खतरनाक होते हैं, लेकिन ऐसे सांपों के काटने से सिर्फ जख्म होता है, मौत दहशत के कारण हो जाती है. देश में जहरीले सांपों की 13 प्रजातियां हैं, जिनमें से 4 बेहद जहरीले होते हैं - कोबरा (Cobra) नाग, रस्सेल वाइपर, स्केल्ड वाइपर और करैत. भारत (India) में सबसे ज्यादा मौतें नाग या गेहुंवन और करैत के काटने से होती हैं.
ऐसी दुर्घटनाओं की स्थिति में क्या करना चाहिये और क्या नहीं करना चाहिये, इसकी जानकारी होना बेहद जरूरी है. क्या करें तो सबसे पहले अगर आप शहर में हैं तो फौरन एंबुलेंस को बुलाएं. वहीं पीड़ित को घबराने की बजाय शांत रहना चाहिये, क्योंकि घबराने से आपकी हृदय गति बढ़ जाती है. इससे शरीर में रक्त प्रवाह में तेजी आती है और जहर तेजी से शरीर में फैल जाता है.
घाव को साफ करना चाहिये, लेकिन इसे पानी की धार से नहीं धोना चाहिये. घाव को सूखे कॉटन से कवर करना चाहिये. पीड़ित को घाव की वजह से सूजन आने से पहले ज्वैलरी और टाइट कपड़े उतार देना चाहिये.
घाव पर बर्फ की सिकाई नहीं करनी चाहिये. घाव को कुरेदना नहीं चाहिये या मुंह से जहर निकालने का प्रयास नहीं करना चाहिये. डॉक्टर या विशेषज्ञ के निर्देशों के बिना पीड़ित को दवाइयां नहीं दी जानी चाहिये.
जहां घाव लगा हो उस हिस्से को हृदय से ऊपर नहीं रखना चाहिये. इस दौरान कैफीन या एल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिये, क्योंकि इससे आपका शरीर जहर को अवशोषित कर लेता है.
elifesciences.org में प्रकाशित रिपोर्ट एक के मुताबिक WHO लगातार कई सालों से भारत में सांप के काटने से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ने पर चिंता जता रहा है. WHO के मुताबिक अभी 2030 तक भारत में Snakebite Deaths के मामले इसी तरह पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बने रह सकते हैं. वहीं 2001 से लेकर 2014 तक के आंकड़ों की स्टडी से पता चलता है कि देश में दर्ज हुए ऐसे 6,11,483 मामलों में 2833 लोगों की मौत हो गई.
साल 2000 से 2019 तक सांप के काटने के ऐसे सभी दर्ज मामलों की स्टडी के बाद भी ऐसे मामलों में मृत्यु दर के तेजी से बढ़ने की पुष्टि हुई है. स्टडी में यह भी देखा गया कि कई स्थानों पर सर्प दंश से बचाने के लिए प्राथमिक उपचार की घोर कमी है. लोग विषैले और विषहीन सांपों में अंतर समझ सकें, अगर सांप काट ले तो तुरंत क्या करना चाहिए, इन सब बातों से अनजान हैं. नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में सर्प दंश का इलाज मुफ्त है, इसके बारे में भी लोगों को कम जानकारी है. इसके चलते लोग अवैज्ञानिक तरीका अपनाते हैं और अंत में पीड़ित की मौत हो जाती है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं और अस्पतालों में सर्प दंश की घटना को गंभीर मानते हुए लोगों को जागरूक करना, पीड़ितों को बचाने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है. स्टडी में कहा गया है कि मेडिकल ग्रेजुएट छात्रों को इंटर्नशिप के दौरान सर्प दंश से जुड़ा कोई शॉर्ट टर्म कोर्स जरूर कराना चाहिए ताकि वे पीड़ितों का इलाज कर सकें.
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