प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में हंगामा को लेकर विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, 'कोरोना के कारण आप लोग फंसे रहते होंगे, घर में भी किचकिच होती रहती होगी, लेकिन आपने सारा गुस्सा मेरे ऊपर निकाल दिया तो आपका मन भी हल्का हुआ. मैं आपके लिए काम आया, ये मेरा सौभाग्य मानूंगा. ये आनंद आप लगातार लेते रहिए और मोदी है, मौका लीजिए. पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष के सांसदों ने चर्चा के दौरान लोकतंत्र पर खूब उपदेश दिए, लेकिन मैं उनसे सहमत नहीं हैं.
पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बयान कोट करते हुए कहा, 'मनमोहन सिंह जी ने कृषि से जुड़े एक बड़े बाजार की वकालत की थी. लेकिन मजे की बात ये है कि जो लोग उछल-उछल के पॉलिटिकल बयानबाजी करते हैं, उनकी सरकारों ने भी अपने-अपने राज्यों में थोड़ा-बहुत तो किया ही है. किसी ने कानूनों की मंशा पर सवाल नहीं उठाए है. शिकायत है कि तरीका ठीक नहीं था. जल्दी कर दिया. ये तो रहता है, वो तो परिवार में शादी होती है तो फूफी नाराज होकर कहती हैं मुझे कहां बुलाया. वो तो रहता है. इतना बड़ा परिवार है तो वो तो रहता ही है.'
पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्षी सांसदों के भाषणों पर चुटकी लेते हुए डेरेक ओ ब्रायन की 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' पर खिंचाई कर दी. पीएम मोदी ने कहा कि मुझे लग रहा था कि वे बंगाल की बात बता रहे हैं या फिर देश की बात बता रहे हैं. स्वाभाविक है कि वहां जो देखते-सुनते हों वहां की बात गलती से यहां बता दी हो.
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पीएम मोदी ने सदन में गुलाम नबी आजाद की प्रशंसा करते हुए तंज कसा. उन्होंने कहा, 'गुलाम नबी जी हमेशा शालीनता से बोलते हैं, कभी भी बेईमानी नहीं करते, गलत भाषा का प्रयोग नहीं करते. हमें उनसे यह सीखना चाहिए, मैं इसके लिए उनका सम्मान करता हूं. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों की प्रशंसा की ... मुझे विश्वास है कि आपकी पार्टी इसे सही भावना में लेगी, जी -23 के सुझावों को सुनकर कहीं कुछ गलत न समझे.'
कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा पर तंज कसते हुए बोले, 'कांग्रेस के बाजवा भी बोल रहे थे. वह इतने विस्तार से बोल रहे थे कि मुझे लगा कि वह शीघ्र ही आपातकाल तक पहुंच जाएंगे और इस पर बोलेंगे, लेकिन वो इससे केवल एक कदम दूर रह गए. कांग्रेस इस देश को बहुत निराश करती है, आपने भी ऐसा किया है.'
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