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ISRO ने जारी की Uttarakhand जलप्रलय के पहले और बाद की Photos, देखें तबाही का मंजर

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के बाद आई तबाही से बचाव अभियान पांचवें दिन भी जारी है और अब तक 32 लोगों के शव मिले हैं, जबकि अब भी 170 से ज्यादा लोग लापता हैं. तपोवन टनल में फंसे 30-35 लोगों को ढूंढने के लिए ड्रोन और रिमोट सेंसिंग उपकरणों की मदद ली जा रही है. इस बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने उत्तराखंड में ग्लेशियर के टूटने की पहली तस्वीरें जारी की है, जिसमें तबाही के पहले और बाद की स्थिति साफ दिख रही है. (फोटो सोर्स- इसरो)

बिजली संयंत्रों को सबसे अधिक नुकसान

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बिजली संयंत्रों को सबसे अधिक नुकसान

उत्‍तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) में ग्‍लेशियर टूटने की वजह से धौलीगंगा नदी (Dhauliganga River) में आई जल प्रलय के कारण तपोवन और रैणी गांव के आसपास का इलाका पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. बाढ़ के कारण रैणी और तपोवन स्थित बिजली संयंत्रों को प्रलय में सबसे अधिक नुकसान हुआ है.

धौली गंगा इलाके में मलबा भरा

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धौली गंगा इलाके में मलबा भरा

इसरो (ISRO) की तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि चमोली जिले के रैणी गांव के पास हिमस्खलन के बाद ऋषि गंगा और धौली गंगा नदी के क्षेत्रों में आई बाढ़ की वजह से जान-माल की भारी क्षति हुई है. जबकि धौली गंगा में सेटेलाइट इमेज में एक बड़े पैमाने पर मलबा दिख रहा है.

तस्वीरों में दिख रही है भयावहता

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तस्वीरों में दिख रही है भयावहता

ग्‍लेशियर की घटना के पहले और बाद की सैटेलाइट तस्‍वीरों में प्रलय की भयावहता देखी जा सकती है. तस्वीरों को इसरो ने उन्नत पृथ्वी इमेजिंग और मैपिंग उपग्रह कार्टोसैट-3 द्वारा कैप्चर किया है.

पूरे इलाके में भर गया है कीचड़

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पूरे इलाके में भर गया है कीचड़

तस्वीरों में धौलीगंगा नदी में आए जल प्रलय के बाद इलाके में कीचड़ का गुबार देखा जा सकता है. इस बीच सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) द्वारा लगातार बचाव और तलाश अभियान चलाया जा रहा है.

कार्टोसैट-3 से ली गई हैं तस्वीरें

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कार्टोसैट-3 से ली गई हैं तस्वीरें

इसरो ने इन तस्वीरों को कार्टोसैट-3 सैटेलाइट का उपयोग करते हुए खींचा है. कार्टोसैट-3 धरती पर हो रही हलचलों को कैद करने वाला एक एडवांस्ड सैटेलाइट है, जिसे ISRO ने प्रक्षेपित किया था.

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