उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) में ग्लेशियर टूटने की वजह से धौलीगंगा नदी (Dhauliganga River) में आई जल प्रलय के कारण तपोवन और रैणी गांव के आसपास का इलाका पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. बाढ़ के कारण रैणी और तपोवन स्थित बिजली संयंत्रों को प्रलय में सबसे अधिक नुकसान हुआ है.
इसरो (ISRO) की तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि चमोली जिले के रैणी गांव के पास हिमस्खलन के बाद ऋषि गंगा और धौली गंगा नदी के क्षेत्रों में आई बाढ़ की वजह से जान-माल की भारी क्षति हुई है. जबकि धौली गंगा में सेटेलाइट इमेज में एक बड़े पैमाने पर मलबा दिख रहा है.
ग्लेशियर की घटना के पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरों में प्रलय की भयावहता देखी जा सकती है. तस्वीरों को इसरो ने उन्नत पृथ्वी इमेजिंग और मैपिंग उपग्रह कार्टोसैट-3 द्वारा कैप्चर किया है.
तस्वीरों में धौलीगंगा नदी में आए जल प्रलय के बाद इलाके में कीचड़ का गुबार देखा जा सकता है. इस बीच सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) द्वारा लगातार बचाव और तलाश अभियान चलाया जा रहा है.
इसरो ने इन तस्वीरों को कार्टोसैट-3 सैटेलाइट का उपयोग करते हुए खींचा है. कार्टोसैट-3 धरती पर हो रही हलचलों को कैद करने वाला एक एडवांस्ड सैटेलाइट है, जिसे ISRO ने प्रक्षेपित किया था.
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