Bilateral Talks With Saudi Prince: सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Mohammed Bin Salman) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की द्विपक्षीय वार्ता में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. कई डील साइन हुईं.
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India Middle East Europe Economic Corridor: सऊदी अरब (Saudi Arabia) के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Mohammed Bin Salman) भारत के राजकीय दौरे पर हैं. आज (सोमवार को) सऊदी क्राउन प्रिंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से द्विपक्षीय वार्ता (Bilateral Talks) की. इस मीटिंग में कई मुद्दों पर व्यापक बातचीत हुई. इसमें द्विपक्षीय व्यापार और रक्षा संबंधों को और मजबूत करने पर फोकस किया गया. द्विपक्षीय वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत, मिडिल ईस्ट और यूरोप के बीच आर्थिक गलियारे के ऐतिहासिक शुरुआत हुई है. इससे हमारे दोनों देश ही नहीं बल्कि एशिया, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक रफ्तार बढ़ेगी. प्रिंस सलमान आपके विजन 2030 से सऊदी अरब तेजी से विकास कर रहा है.
भारत-सऊदी अरब के मजबूत रिश्ते
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के लिए सऊदी अरब हमारे सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक पार्टनर में से एक है. विश्व में दो तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का आपसी सहयोग इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है. आज की बैठक से हमारे संबंधों को एक नई ऊर्जा और एक नई दिशा मिलेगी. कल हमने भारत पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक कॉरिडोर की ऐतिहासिक शुरुआत की है. इस शुरूआत से ना सिर्फ भारत और सऊदी अरब बल्कि एशिया, पश्चिम एशिया और यूरोप के लिए लाभ होगा. इससे आर्थिक व्यापार और ऊर्जा और डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ेगी.
आर्थिक गलियारे का बड़ा हिस्सा सऊदी अरब में होगा
बता दें कि 9 सितंबर को भारत को मध्य पूर्व और यूरोप से जोड़ने वाले कनेक्टिविटी कॉरिडोर पर समझौता हुआ है. इसका नाम India Middle East Europe Economic Corridor है. खास बात यह है कि इस कनेक्टिविटी कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा सऊदी अरब से होकर गुजरेगा. इसीलिए भारत, अमेरिकी, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, इटली, जर्मनी ने साथ मिलकर इस कॉरिडोर की घोषणा की.
चीन के BRI को तगड़ा जवाब
इसके तहत रेल, बंदरगाह और केबल कनेक्टिविटी पर ज्यादा जोर दिया जाएगा. इसे कहीं ना कहीं चीन BRI का जवाब भी माना जा रहा है. इस प्रोजेक्ट की घोषणा के तुरंत बाद भारत के प्रधानमंत्री और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के बीच मुलाकात हुई. जाहिर है इस मुलाकात से चीन और पाकिस्तान जरूर परेशान होंगे, क्योंकि इस तरह की खबरें आ रही हैं कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस अब पाकिस्तान के दौरे पर नहीं जा रहे हैं.
वहीं, इस कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट की घोषणा से चीन किस कदर परेशान है, इसका अंदाजा ग्लोबल टाइम्स की खबरों को पढ़कर आसानी से लगाया जा सकता है. यानी जब 11 सितंबर को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस भारत के राजकीय अतिथि हैं तो चीन और पाक की चिंताएं जरूर बढ़ी हैं. वहीं, भारत और सऊदी अरब के बीच मित्रता का नया अध्याय लिखा जा रहा है.