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मुंबई: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) अपने दो दिन के मुंबई दौरे पर हैं. यहां उन्होंने मंगलवार को महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) और शिवसेना नेता संजय राउत से मुलाकात की. मुंबई के होटल ट्राइडेंट में करीब आधा घंटे यह बातचीत हुई है. इसके बाद ममता एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार से भी मुलाकात करेंगी.
ममता बनर्जी के मुंबई दौरे को टीएमसी के विस्तार के तौर पर देखा जा रहा है. शिवसेना (Shiv Sena) और एनसीपी नेताओं के साथ बैठक से महाराष्ट्र में बीजेपी के खिलाफ एक नए गठबंधन की सुगबुगाहट भी तेज हो गई है. हालांकि इन दिनों टीएमसी ने कांग्रेस से दूरी बनाकर रखी है लेकिन महाराष्ट्र में एनसीपी-शिवसेना के अलावा कांग्रेस भी सत्ताधारी गठबंधन का हिस्सा है.
ममता के दौरे और विपक्षी दलों के नेताओं से उनकी मुलाकात पर महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक का कहना है कि कांग्रेस को साथ लिए बिना विपक्षी दलों का कोई मोर्चा नहीं बन सकता. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की स्पष्ट भूमिका है कि सभी विपक्षी दलों को साथ आना चाहिए. पवार साहब का भी साफ मानना है कि कांग्रेस को साथ लिए बिना विपक्ष का कोई मोर्चा नहीं बन सकता है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार दोपहर 3 बजे मुंबई में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) के आवास 'सिल्वर ओक' में उनसे मुलाकात करेंगी. वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी मिलना चाहती थीं लेकिन डॉक्टर ने हाल ही में हुई सर्जरी के बाद स्वास्थ्य लाभ ले रहे ठाकरे को क्वारंटीन में रहने की सलाह दी है.
इस साल मई में पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की जीत के बाद ममता एक नई ऊंचाई पर हैं और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी हुई हैं. शरद पवार बीते अप्रैल में विधान सभा चुनावों के दौरान ममता बनर्जी के लिए प्रचार करने की योजना बना रहे थे, लेकिन कुछ बाधाओं के कारण ऐसा नहीं कर पाए थे. शिवसेना ने तृणमूल की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए वहां अपने उम्मीदवार नहीं खड़ा करने का फैसला किया था.
पिछले कुछ वर्षों से पवार और ममता, दोनों 2024 के लोक सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं. पवार के अलावा, ममता का उद्धव ठाकरे के साथ बहुत अच्छा तालमेल है. वह अतीत में उनसे मिल चुकी हैं, हालांकि कांग्रेस के साथ उनके संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं.