इस साल जनवरी के महीने में 108 आतंकवादियों का मूवमेंट नोटिस हुआ था. रिपोर्ट ये भी है कि आतंकी उन लॉन्चपैड पर आने से कतरा रहे हैं, जहां से वो अक्सर घुसपैठ की कोशिश करते थे. सेना के सूत्रों के मुताबिक 43 आतंकी जो इस वक्त लॉन्चपैड पर बचे हैं.
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नई दिल्ली: सुरक्षाबलों की एक रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है की नियंत्रण रेखा (LoC) पर आतंकियों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है. सूत्रों के मुताबिक पीओके (PoK) में मौजूद आतंकी लॉन्चपैड पर जनवरी और फरवरी के महीने में भारी गिरावट आई है. भारतीय खुफिया एजेंसी (Intelligence Agency) लगातार LoC पर सर्विलांस के काम में जुटी हैं. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर (Jammu-kashmir) से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं. भारतीय सेना की ताबड़तोड़ कार्रवाई भी जारी है तो ऑपरेशन ऑलआउट में लगातार आतंकवादियों का सफाया किया गया है.
इस साल जनवरी के महीने में 108 आतंकवादियों का मूवमेंट नोटिस किया गया था. रिपोर्ट ये भी है कि आतंकी अब उन लॉन्चपैड पर आने से कतरा रहे हैं, जहां आकर वो अक्सर घुसपैठ करने की कोशिश करते थे. सेना के सूत्रों के मुताबिक 43 आतंकी जो इस वक्त लॉन्चपैड पर बचे हैं, उसमें जम्मू बॉर्डर के नजदीक बने लॉन्चपैड पर 28 वहीं कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) के सामने सक्रिय लॉन्चपैड पर गिनती के सिर्फ 15 आतंकवादी बचे हैं.
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वहीं पिछले साल दिसंबर की बात करें तो 225 आतंकी LoC के लॉन्चपैड पर नोटिस किए गए थे. हालांकि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस बात की आशंका जता रही हैं कि अप्रैल मई में बर्फबारी के बाद जब पहाड़ी रास्ते खुल जाएंगे और बर्फ पिघलेगी तो हमेशा की तरह पुरानी आदत से बाज आने के बजाए पाकिस्तान एक एक बार फिर आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश कर सकता है.
हालांकि कुछ समय पहले ही भारत और पाकिस्तान के बीच पुराने सीजफायर समझौते पर लौटने को लेकर सहमति बनी है. इसके बावजूद भारतीय फौज और सुरक्षाबलों ने किसी भी तरह की चूक की गुंजाइश नहीं छोड़ी है.
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