Yashwant Sinha: यशवंत सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में केंद्रीय वित्तमंत्री और फिर विदेश मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं. उन्होंने 2021 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले 2018 में बीजेपी छोड़ दी थी.
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President Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा प्रत्याशी होंगे. दोपहर 2:30 बजे इसका औपचारिक ऐलान होगा. सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार के दिल्ली स्थित घर पर हुई विपक्षी दलों की बैठक में यशवंत सिन्हा के नाम पर मुहर लगी.
बता दें कि यशवंत सिन्हा ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में केंद्रीय वित्तमंत्री और फिर विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया था. उन्होंने 2021 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले 2018 में बीजेपी छोड़ दी थी. उन्हें पिछले साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद यशवंत सिन्हा ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट किया कि टीएमसी में उन्होंने मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दी, उसके लिए मैं ममता जी का आभारी हूं. अब एक समय आ गया है जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर अधिक विपक्षी एकता के लिए काम करना चाहिए ...
I am grateful to Mamataji for the honour and prestige she bestowed on me in the TMC. Now a time has come when for a larger national cause I must step aside from the party to work for greater opposition unity. I am sure she approves of the step.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) June 21, 2022
शरद पवार के घर पर हुई बैठक से पहले तृणमूल कांग्रेस के एक शीर्ष नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, "राष्ट्रपति चुनाव के लिए संभावित विपक्षी उम्मीदवार के रूप में यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव करने के लिए कुछ दलों से प्रस्ताव आए हैं. हालांकि, सब कुछ मंगलवार की बैठक की कार्यवाही पर निर्भर करेगा और बैठक में अन्य दलों द्वारा सुझाए गए नामों पर निर्भर करेगा."
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इससे पहले 15 जून को तृणमूल कांग्रेस ने दिल्ली में विपक्ष की बैठक बुलाई थी, जिसमें सर्वसम्मति से विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में शरद पवार का नाम प्रस्तावित किया गया था. हालांकि, पवार ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.
ममता बनर्जी ने तब नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के नामों को दो संभावित नामों के रूप में प्रस्तावित किया था. हालांकि, अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण, दोनों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया.
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