IiAS के अमित टंडन के ई-मेल पर उठते सवाल, आखिर किसकी `प्रॉक्सी` है IiAS?
ज़ी मीडिया के पास अमित टंडन और कुछ निवेशकों के बीच ई-मेल का ब्यौरा है जिससे ये शक होता है कि कहीं अमित टंडन और IiAS एस्सेल ग्रुप के खिलाफ किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं?
मुंबई: 'खेला होबे' ये एक ऐसा टर्म था जो बंगाल चुनावों में जोरदार तरीके से इस्तेमाल हुआ. जिसका मतलब ये निकलता है कि खेल होगा. मुंबई हिंदी में बोले तो मतलब गेम होगा. IiAS के मुख्य कर्ताधर्ता अमित टंडन (Amit Tandon) एक निवेशक के साथ ई-मेल में लिखते हैं कि ‘Khela Hobe’. ई-मेल में चर्चा एस्सेल ग्रुप (Essel Group) को लेकर हो रही है. गौर करने की बात ये है कि मामला जब यस बैंक और डिश टीवी के बीच में है, तो ये खेला करने और कराने में इतना मजा IiAS के अमित टंडन को क्यों आ रहा है. कहीं ऐसा तो नहीं कि अमित टंडन और IiAS खुद खेल में किरदार निभा रहे हैं. तो फिर सवाल है कि ये खेल आखिर किसके कहने पर खेला जा रहा है. ज़ी मीडिया के पास अमित टंडन और कुछ निवेशकों के बीच ई-मेल का ब्यौरा है जिससे ये शक होता है कि कहीं अमित टंडन और IiAS एस्सेल ग्रुप के खिलाफ किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं?
किसके इशारे पर चल रहा है खेल?
दरअसल 6 सितंबर को रात 10 बजकर 20 मिनट में एक निवेशक लिखते हैं कि ‘यस बैंक ने डिश टीवी के प्रमोटर्स को बोर्ड से हटाने का प्रस्ताव दिया है.’ ई-मेल में डॉ. सुभाष चंद्रा भी मार्क्ड हैं. IiAS के एमडी अमित टंडन 7 सितंबर को इसी मेल का जवाब देते हुए 11 बजकर 32 मिनट पर लिखते हैं कि ‘Khela Hobe’. सवाल ये है कि अमित टंडन किस खेल की बात कर रहे हैं और प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म के एमडी होते हुए ऐसा लिखने का मकसद क्या है. फाइनेंशियल सेक्टर में 36 साल के तजुर्बे वाले अमित टंडन ने आखिर किसके भरोसे के साथ ‘Khela Hobe’ लिखा होगा. तो क्या इसका मतलब है कि अमित टंडन और IiAS किसी के साथ मिलकर खेल करना चाहते हैं? क्या एस्सेल ग्रुप की कंपनियों पर IiAS की एडवाइजरी रिपोर्ट्स भी इसी खेल का हिस्सा हैं?
क्या अमित टंडन को पहले से जानकारी थी?
सवाल ये है कि क्या अमित टंडन को पहले से ही पता है कि क्या होने वाला है? मतलब डिश टीवी और ग्रुप की कंपनियों को लेकर क्या पहले से ही कोई प्लान बना है जिसकी जानकारी अमित टंडन को है? सवाल ये है कि इसके पीछे का सूत्रधार कौन है? आखिर किसका इतना सपोर्ट है कि डॉ. सुभाष चंद्रा को ई-मेल में मार्क रखते हुए अमित टंडन ये सब लिख रहे हैं? अगर अमित टंडन और IiAS को सब पहले से पता है कि ग्रुप की कंपनियों में क्या होने वाला है तो क्या ये अनपब्लिश्ड प्राइस सेंसिटिव इनफॉर्मेशन के दायरे में आएगा? अगर हां तो क्या सेबी को अमित टंडन और इस खेल में शामिल लोगों की जांच करनी चाहिए? साथ ही ये भी देखना चाहिए कि IiAS वाकई में प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म है या फिर इसकी आड़ में खुद ही किसी की प्रॉक्सी बनकर काम कर रही है?
IiAS के अमित टंडन के ‘खेला होबे’ लिखने से उठते सवाल
1. किस के साथ प्री-प्लानिंग कर बनाई गई एडवाइजरी रिपोर्ट?
2. एस्सेल ग्रुप में ‘खेला होबे’ लिखने का मतलब? पहले से सूचना थी?
3. डिश टीवी, ज़ी लर्न के खिलाफ किसी की पहले से कोई साजिश?
4. ई-मेल में सुभाष चंद्रा के मार्क रहते हुए लिखा ‘खेला होबे’, किसके उकसावे पर?
5. साजिश में अमित टंडन, IiAS शामिल तो क्या सेबी करेगी जांच?
6. प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म या फिर किसी की ‘प्रॉक्सी’?
ज़ी मीडिया ने अमित टंडन से पूछा सवाल
ज़ी मीडिया ने IiAS के एमडी अमित टंडन से शुक्रवार को ई-मेल भेजकर पूछा था कि वो ये सब किसके कहने और किसकी शह पर लिख रहे हैं? क्या उनके पीछे किसे बड़े कॉरपोरेट घराने का हाथ है? लेकिन ज़ी मीडिया को इस मामले पर अब तक कोई जवाब उनकी तरफ से नहीं मिला है.