Rajasthan Politics News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर सचिन पायलट पर तंज कसा है. उन्होंने सचिन पायलट को निकम्मा कहे जाने पर कहा कि कोई अपना गलती करता है तो उसे डांट लगाने के लिए बोलते हैं.
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Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच अक्सन खींचतान की खबरें सामने आती रहती हैं. कुछ दिनों पहले सीएम गहलोत के सचिन पायलट (Sachin Pilot) को निकम्मा कहे जाने पर खूब सियासत हुई थी. हालांकि, बाद में मामला शांत हो गया था. अब उसी मामले पर अशोक गहलोत ने कहा है कि जब कोई अपना गलती करता है तो उसे डांट लगाने को निकम्मा कहा जाता है.
निकम्मा कहने पर लगता क्यों है बुरा
अशोक गहलोत ने गजेंद्र सिंह (Gajendra Singh) पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरे निक्कमे शब्द के मायने रामलाल जाट ने समझा दी है. घर में बच्चा काम नहीं करे,उसे भी निकम्मा कहते हैं. मैं अगर प्यार से भी निकम्मा कह दूं तो भी बुरा क्यों लगता है. हालांकि, इससे पहले निकम्मे वाले बयान पर सचिन पायलट ने कहा था कि उनके लिए गहलोत एक पितातुल्य हैं, वह उनकी बातों का बुरा नहीं मानते है.
लोगों के प्यास की है लड़ाई
वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को लेकर कहा कि इसको लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा. इसमें हमारी कोई राजनीति नहीं है. ये 13 जिलों के लोगों की प्यास की लड़ाई है.
केंद्र ने दोबारा किया शिलान्यास
उन्होंने कहा कि रिफायनरी का शिलान्यास हो चुका था, लेकिन केंद्र सरकार ने दोबारा शिलान्यास किया. 40 हजार करोड़ की योजना 76 हजार करोड़ रुपये की हो गई. ERCP को भी आज भी राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया गया है. इसमें कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. श्रीराम वेदिरे, जो अब जल शक्ति मंत्रालय में सलाहकार हैं. उन्होंने ही ERCP की डीपीआर बनाई थीय
राजस्थान से हैं 25 एमपी
सीएम गहलोत ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री के 2 वीडियो का वरबेटम पढ़कर सुनाया और केंद्रीय मंत्री कह रहे हैं कि एक शब्द भी नहीं बोला. इसका मतलब वो एब्सेंट माइंड थे. जनता जब दिमाग बनाती है तो नेताओं को अक्ल आती है. राजस्थान की जनता ने 25 एमपी भाजपा के जिताकर भेजे हैं. क्या जनता का हक नहीं है कि उनकी मांग पूरी हो. क्या प्रधानमंत्री उनकी इतनी बात भी नहीं मानेंगे?
9,600 करोड़ रुपये का बजट
उन्होंने कहा कि योजना के महत्व को देखते हुए 9600 करोड़ रुपये का हमने बजट रखा है. क्या भारत सरकार को चिंता नहीं होनी चाहिए? हम भीख नहीं मांग रहे, हक मांग रहे हैं. काम बंद करवाने को कहने वाले आप होते कौन हो? पानी राज्य का विषय है, केंद्र का नहीं. मैं किसी भी कीमत पर इसे बंद करने वाला नहीं हूं. ये इतने खतरनाक लोग हैं कि इसमें भी कमी निकालकर ईडी-सीबीआई भेज देंगे. हम डरने वाले नहीं हैं. कुछ भी कर लो, ये काम आगे बढ़ेगा.
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