Ajmer : सोमलपुर में बेकाबू हुआ Corona, अब तक लगभग 44 लोगों की मौत
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Ajmer : सोमलपुर में बेकाबू हुआ Corona, अब तक लगभग 44 लोगों की मौत

अजमेर (Ajmer News) में शहर के निकट स्थित सोमलपुर गांव में कोरोना को लेकर हालात नियंत्रण में नहीं है. 

आरपी जाट के अनुसार इस कोरोना की दूसरी लहर में गांव में लगभग 44 मौते हुए हैं जो अप्रत्याशित है.

Ajmer : राजस्थान के अजमेर (Ajmer News) में शहर के निकट स्थित सोमलपुर गांव में कोरोना को लेकर हालात नियंत्रण में नहीं है. यह हम नहीं खुद अजमेर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव आरपी जाट का कहना है. आरपी जाट ने आज सोमलपुर गांव के दौरे के बाद मीडिया से बात करते हुए कई महत्वपूर्ण बातो का खुलासा किया, जिसमें वहां हुई कोरोना (Coronavirus) से मौतों के साथ ही वहां कोरोना की जांच व इलाज के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने की बात कही गयी है. यह पहली बार है जब न्याय व्यवस्था से जुड़े किसी संस्थान ने कोरोना को लेकर हालातों पर चिंता जताई है.

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अजमेर शहर (Ajmer Corona News) के नजदीक गांव सोमलपुर में कोरोना को लेकर हालात बेकाबू होने और बड़ी संख्या में कोरोना से मौतों की खबर मीडिया में आने के बाद अब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने संज्ञान लिया है. कोरोना को लेकर सोमलपुर गांव की जमीनी हकीकत जानने के लिए प्राधिकरण के सचिव आरपी जाट गांव पहुंचे तो उन्हें भी मानना पड़ा कि मीडिया की रिपोर्ट जमीनी हकीकत से रूबरू करवाने वाली है. आरपी जाट के अनुसार इस कोरोना की दूसरी लहर में गांव में लगभग 44 मौते हुए हैं जो अप्रत्याशित है. ग्रामीणों का आरोप है कि इसमें से अधिकांश मौते कोरोना के चलते हुई हैं, लेकिन उन्हें जिला प्रशासन द्वारा कोरोना से हुई मौते के आंकड़े में शुमार नहीं किया गया.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव आरपी जाट ने माना कि कोरोना जैसी महामारी के समय भी जो आवश्यक चिकित्सा सुविधाए गांव में होनी चाहिए वो नहीं है. गांव के सब सेंटर पर तैनात चिकित्सक को वहां से हटा कर किसी ओर स्थान पर लगा दिया गया है. गांव में लगभग 13 हजार की आबादी में से केवल 300 लोगों को ही अभी तक वेक्सिनेट किया गया है. गांव में हालात बिगड़ने और बड़ी संख्या में लोगों के बीमार और कोविड जैसे लक्ष्ण होने के बावजूद RTPCR जांच (RTPCR Test) की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. 

अजमेर के सोमलपुर गांव की यह तस्वीर अजमेर जिले में कोरोना काल की वास्तविक तस्वीर पेश करती है. जिस केवल हम ही नहीं न्याय व्यवस्था ने भी अब खुले रूप से स्वीकार किया है. देखने वाली बात होगी की अजमेर जिला प्रशासन कब इस मामले में संज्ञान लेकर व्यवस्थाओं को सुचारू करता है. 

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