ब्यावर: राजस्थान के पहले पशु चिकित्सालय को मिला पट्टा, नवीन निर्माण के लिये स्वीकृत होगी ग्रांट
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ब्यावर: राजस्थान के पहले पशु चिकित्सालय को मिला पट्टा, नवीन निर्माण के लिये स्वीकृत होगी ग्रांट

अजमेर में कॉलेज रोड और जय मंदिर सिनेमा के सामने स्थित अ-श्रेणी पशु चिकित्सालय को अपनी स्थापना के करीब सवा सौ साल बाद आखिर नगर परिषद ने स्वयं के भवन का पट्टा जारी कर दिया है. 

 

अब सरकार की ओर से जारी होने वाली ग्रांट भी मिल पाएगी.

ब्यावर: शहर के कॉलेज रोड और जय मंदिर सिनेमा के सामने स्थित अ-श्रेणी पशु चिकित्सालय को अपनी स्थापना के करीब सवा सौ साल बाद आखिर नगर परिषद ने स्वयं के भवन का पट्टा जारी कर दिया है. भवन का पट्टा मिलने के बाद पशु चिकित्सालय के जीर्णशीर्ण भवन के नवीनीकरण के लिए सरकार की ओर से जारी होने वाली ग्रांट भी मिल पाएगी. राजकीय पशु चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. जावेद हुसैन ने बताया कि शहर के कॉलेज रोड स्थित अ श्रेणी पशु चिकित्सालय के स्वयं के भवन का पट्टा नहीं होने के कारण सरकारी ग्रांट मिलने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.

 विगत दिनों प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पट्टे के लिए आवेदन किया गया था. सभी प्रकार की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद आखिर नगर परिषद ने 29 जून को पशु चिकित्सालय के स्वयं के भवन के नाम पट्टा जारी कर दिया है. डॉ. हुसैन ने बताया कि अब भवन के जीर्णोद्वार के लिए सरकार से शीघ्र ही बजट स्वीकृत हो पाएगा.

 मालूम हो कि जमीन अस्पताल के नाम नहीं होने के कारण लंबे अर्से से यहां बने भवन का न तो पुनर्निर्माण हो रहा है न ही जीर्णोद्धार करवाया जा रहा है. कारण कि सरकार की ओर से स्वामित्व के अभाव में किसी प्रकार का कोई बजट जारी नही किया जा रहा है. चिकित्सालय के वर्तमान हालात यह हैं कि भवन पूरी तरह से जर्जर हालात में खड़ा है. यहां पर किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नही है. पशु चिकित्सा अधिकारी हो या फिर अन्य स्टाफ सदस्य सभी को खतरे के साये में बैठक कर पशुओं का इलाज करना पड़ रहा है. ऐसा नही है कि चिकित्सालय प्रबंधन की ओर से अपने आला अधिकारियों या फिर सरकार को भवन का पुनर्निर्माण करवाने या फिर जीर्णोद्धार करवाने के लिए प्रस्ताव नही भेजा गया हो, मगर सबसे बड़ी समस्या जमीन के स्वामित्व को लेकर आ रही है. 

स्वामित्व नही होने के कारण सरकार भी यहां पर बजट स्वीकृत नही कर पा रही है. चिकित्सालय सूत्रों की माने तो प्रदेश का यह पहला पशु चिकित्सालय है. जो आजादी के 50 साल पहले से ही सचालित हो रहा है. मगर सरकारी उदासीनता के चलते इस अस्पताल की सुध नही ली जा रही है. बारिश के दौरान इस भवन में अब बैठना भी खतरे से खाली नहीं है.

Reporter- Dilip Chouhan

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