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अजमेर: केन्टोमेंट की वैरिड बोर्ड बैठक की अध्यक्षता और विभिन्न ज्वलंत समस्याओं, विकास कार्य एवं कैंटोंमेंट की आय बढाकर मॉडल छावनी के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए. इस बैठक में केंटोंमेंट सीईओ उमेश पारीक ने एजेंडा पटल पर रखा और महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर विस्तृत मंथन वं चर्चा करने के बाद निर्णय लिए गए.
नसीराबाद कैंटोंमेंट सीईओ पारीक ने बताया कि इस मौके पर चीफ लेबर कमिश्नर नई दिल्ली के निर्देशानुसार निर्धरित न्यूनतम दर से वेतन देने, नियमानुसार महंगाई भत्ता देने, संविदा पर चार्टर्ड अकाउंटेंट खुशबू जिंदल की नियुक्ति करने, छावनी परिषद सीमा में वाहन प्रवेश शुल्क लेने, प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र खोलने, पटेल उद्यान में सोलर पावर प्लांट लगाने, नवलरामजी बगीची के पास तालाब का महाराणा प्रताप सागर नामकरण करने, वार्षिक आय व्यय को मंजूरी देने, कारीगर बेलदार की ठेका अवधि बढ़ाने, बकाया संपत्ति कर की वसूली को गति देने, लाल डिग्गी व नाली में कचरा डालने वालों पर कार्रवाई करने, अस्पताल एवं कालीमाई रोड पर बरसात का पानी भर जाने पर आवश्यक उपाय करने, घर अथवा दुकान के बाहर कचरा पटकने वालों पर अंकुश लगाने लगाने के निर्देश दिए.
साथ ही भारत सरकार द्वारा नियुक्त लीगल एडवाइजर एडवोकेट संदीप अग्रवाल से एडवाइजरी लेने, डिजिटल भुगतान को देखते हुए छावनी परिषद में संपत्ति कर, पेयजल शुल्क आदि का भुगतान डिजिटल माध्यम से करने के लिए आमजन को जागरूक करने, शॉपिंग कंपलेक्स बनवाने, छावनी परिषद में आय के साधन बढ़ाने, कचरा निस्तारण, स्वच्छता सर्वेक्षण रेटिंग बढ़ाने, शहर में आवश्यक स्थानों पर सीसी कैमरा लगवाने आदि पर विस्तृत से मंथन करने के बाद निर्णय लिए गए. बैठक में छावनी परिषद वैरिड बोर्ड सदस्य सुशील गदिया सहित छावनी परिषद के अधिकारी विश्वेन्द्र सिंह, सतीश कुमार, कपील मेहरा, छोटेलाल सैनी आदि भी मौजूद रहे.
नसीराबाद छावनी परिषद की वैरिड बोर्ड बैठक के बाद ब्रिगेडियर अरिंदम मुखर्जी और कैंटोंमेंट सीईओ उमेश पारीक ने बैठक में मौजूद पत्रकारों एवं नगरवासियों से ज्वलंत समस्याओं के बारे में विस्तृत चर्चा की. जिसके चलते उन्होंने बताया गया कि स्थानीय चिकित्सालय से लेकर अजमेर मार्ग स्थित बलवंता चौराहे तक मात्र ढाई किलोमीटर की इतनी सी दूरी में एक दर्जन से अधिक स्पीड ब्रेकर है.
विडंबना की पराकाष्ठा तो यह है कि स्पीड ब्रेकर पर सफेद जेब्रा लाइन नहीं होने तथा किसी भी प्रकार का स्पीड ब्रेकर निर्देशित बोर्ड नहीं होने और अतकनीकी तौर पर ऊंचे ऊंचे स्पीड ब्रेकर बना देने से वाहन चालको एवं नगरवासियों को भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही है. अतकनीकी तौर से निर्मित इतने अधिक स्पीड ब्रेकर से दुर्घटनाओं पर अंकुश लगने के बजाए स्पीड ब्रेकर पर दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ गया है. जिसके चलते ब्रिगेडियर मुखर्जी ने शीघ्र कार्यवाही करने का आश्वासन दिया. इसी प्रकार शहर में आवारा जानवर एवं कुत्तों को पकड़वा कर नगरवासियों व राहगीरों को राहत दिलाने की भी मांग की गई.
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