Hail rain in Tonk : टोंक में गिरे आफत के ओले, तीन दर्जन से ज्यादा गांवों में फसल चौपट
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Hail rain in Tonk : टोंक में गिरे आफत के ओले, तीन दर्जन से ज्यादा गांवों में फसल चौपट

 प्रभावित गांवों में औसतन रूप से 20 से 25 फीसदी तक नुकसान हुआ है. 

ओलावृष्टि से सरसों की फसल की फसल को हुआ नुकसान

Tonk : राजस्थान के टोंक जिले में दो दिन से हो रही मावठ के बाद शुक्रवार के बाद शनिवार को भी देर रात ओलों ने कई गांवों में कहर बरपाया. इससे किसानों के अरमानों की फसल चौपट हो गई. जिले में सर्वाधिक नुकसान दूनी के 1480 हैक्टेयर और टोडारायसिंह के 1450 हैक्टेयर सरसों में हुआ है. जबकि टोंक को छोड़कर अन्य सभी उपखंडों में भी कहीं 10 से 15 तो कहीं पर 25 से 30 फीसदी नुकसान होने की जानकारी सामने आई है. सहायक निदेशक दिनेश कुमार बैरवा समेत अन्य कृषि अधिकारी और कर्मचारी शनिवार को दिनभर नुकसान के आंकलन में जुटे रहे. कृषि सांख्यिकी सहायक निदेशक सुगरसिंह ने बताया कि आंकलन में जिले में 37 गांवों में सरसों की फसल ओलों से प्रभावित होने की जानकारी मिली है.

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सरसों में नुकसान - जिले में 4660 हैक्टेयर सरसों में 15 से 30 फीसदी तक नुकसान

दूनी खंड - नुकसान 1480 हैक्टेयर, 17 गांव प्रभावित
क्षेत्र में 22500 हैक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई है. जबकि 1480 हैक्टेयर सरसों में विभाग ने 20 से 25 फीसदी तक नुकसान माना है. प्रभावित गांवों में टोडा का गोठड़ा, बेनपा, गांधीग्राम, विजयगढ़, बालापुरा, गेरोली, बिशनपुरा, राजकोट, कल्याणपुरा, दूनी, नयागांव, जूनिया, सरोली आदि गांव शामिल है.

टोडा : नुकसान 1450 हैक्टे. 5 गांव प्रभावित
क्षेत्र में 45605 हैक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई है. जबकि 1450 गांवों में 30 से 40 फीसदी तक नुकसान का आंकलन सामने आया है. प्रभावित गांवों में दतोब, उनियारा खुर्द, कुहाड़ा बुजुर्ग, लांबा खुर्द, मांदोलाई आदि गांव शामिल है.

निवाई : नुकसान 710 हैक्टेयर, 5 गांव प्रभावित
विभाग के अनुसार निवाई क्षेत्र में 33135 हैक्टेयर भूमि में सरसों की बुवाई हुई है। इसमें 710 हैक्टेयर सरसों में कृषि अधिकारियों ने 20 से 25 फीसदी खराबा माना है। इसमें राहोली, सुनारा, प्रतापपुरा, चतुर्भुजपुरा, जोधपुरिया समेत अन्य गांव शामिल है।

देवली खंड: नुकसान 290 हैक्टेयर, 5 गांव प्रभावित
क्षेत्र में 19800 हैक्टेयर भूमि में किसानों ने सरसों की बुवाई की है. इसमें 290 हैक्टेयर भूमि की सरसों में 15 से 20 फीसदी तक नुकसान सामने आया है. कंवरपुरा, निवारिया आदि गांव प्रभावितों में शामिल है।

मालपुरा खंड: नुकसान 40 हैक्टेयर, 2 गांव प्रभावित
उपखंड में 42000 हैक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई है. विभाग की ओर से 40 हैक्टेयर सरसों में 15 से 20 प्रतिशत नुकसान माना है. प्रभावित गांवों में तितरिया, प्रतापपुरा आदि शामिल है.

उनियारा खंड: नुकसान 40 हैक्टेयर, 1 गांव प्रभावित
क्षेत्र में 52320 हैक्टेयर भूमि में सरसों की बुवाई हुई है. जबकि 40 हैक्टेयर में 20 से 25 फीसदी तक खराबे का आंकलन किया गया है. प्रभावित गांवों में बनेठा क्षेत्र का मालिया की झोपडी गांव शामिल है.

पीपलू खंड: नुकसान 650 हैक्टेयर, 4 गांव प्रभावित
क्षेत्र में 31655 हैक्टेयर भूमि में सरसों की बुवाई हुई है. इसमें 650 हैक्टेयर में 25 से 30 प्रतिशत तक खराबा माना गया है. इनमें डोडवाडी, पांसरोटिया, नाथड़ी और पीपलू आदि गांव शामिल है. 

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सहायक निदेशक कृषि दिनेश कुमार बैरवा ने बताया कि ओलों से नुकसान महज सरसों की फसल में ही हुआ है. ये फसल लम्बी होने से ओलों की मार से इसमें फूल झड़ गए और बालिया और टहनियां टूट गई. जबकि गेहूं और चने की फसल अभी प्रारम्भिक स्थिति में ही होने से नुकसान जैसी स्थिति नहीं है. ओलावृष्टि से हुए नुकसान की रिपोर्ट जल्द सरकार को भेजी जाएगी. इधर देवली उनियारा विधायक हरीश चंद्र मीना ने अपने विधानसभा क्षेत्र में कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि नुकसान का सर्वे करवाने के अधिकारियों को निर्देश दिए है. विधायक ने बताया कि देवली उनियारा उपखण्ड के कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि से किसानों को नुकसान हुआ है. वहीं किसानों ने फसलों के तुरन्त मुआवजे की मांग की है.

Report : Purushottam Joshi

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