अब देश में ही 15 माह में बन सकेंगे पायलट, किशनगढ़ में मिलेगी फ्लाइट उड़ाने की ट्रेनिंग
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अब देश में ही 15 माह में बन सकेंगे पायलट, किशनगढ़ में मिलेगी फ्लाइट उड़ाने की ट्रेनिंग

एकेडमी की ओर से एयरपोर्ट को प्रति घंटे के हिसाब से 11 सौ 11 रुपये का भुगतान किया जाएगा, ऐसे में एयरपोर्ट प्रति वर्ष 50 लाख रुपये की आय होगी. 25 साल के लिए हुए एएमयू के दौरान केंद्र सरकार के नागरिक उड्ययन के प्रदीप सिंह खरोला, एकेडमी की एमडी भादुरी भारद्वाज सेठ, एयरपोर्ट निदेशक बीएस मीणा आदि उपस्थित थे.

अब देश में ही 15 माह में बन सकेंगे पायलट, किशनगढ़ में मिलेगी फ्लाइट उड़ाने की ट्रेनिंग

Kishangarh: पायलट बनने का सपना देखने वाले युवाओं के अच्छी खबर है. अब उन्होंने तीन से चार साल की बजाय 15 माह में ही प्रशिक्षण प्राप्त कर पायलट बन सकेंगे. 

इसके लिए अव्यना एविएशन एकेडमी दिल्ली ने किशनगढ़ एयरपोर्ट के साथ 25 साल का एमएयू किया है, जहां वर्ष 2023 के जून से एकडेमी शुरु होगी. जहां पहले बैच में 130 से 150 बच्चों को प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. एकेडमी शुरु होने के साथ ही किशनगढ़ एयरपोर्ट को भी राजस्व प्राप्त होगा.

एकेडमी की ओर से एयरपोर्ट को प्रति घंटे के हिसाब से 11 सौ 11 रुपये का भुगतान किया जाएगा, ऐसे में एयरपोर्ट प्रति वर्ष 50 लाख रुपये की आय होगी. 25 साल के लिए हुए एएमयू के दौरान केंद्र सरकार के नागरिक उड्ययन के प्रदीप सिंह खरोला, एकेडमी की एमडी भादुरी भारद्वाज सेठ, एयरपोर्ट निदेशक बीएस मीणा आदि उपस्थित थे.

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एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा देश के 10 एयरपोर्ट का चयन किया था, जिसमें किशनगढ़ एयरपोर्ट को भी शामिल किया गया था. इसमें नई फ्लाइंग ट्रेनिंग एकेडमी खुलेंगी. यहां केवल देश के ही नहीं बल्कि विदेशों से भी युवा फ्लाइट उड़ाने की ट्रेनिंग लेने पहुंचेंगे. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की एफटीओ यानी उड़ान प्रशिक्षण संगठन नीति के तहत यह अकादमी किशनगढ़ एयरपोर्ट पर स्थापित होगी. इन एफटीओ की स्थापना का उद्देश्य भारत को वैश्विक उड़ान प्रशिक्षण केंद्र बनाना, विदेश में स्थित एफटीओ में भारतीय कैडेटों के पलायन को रोकना है. अधिकारियों ने बताया कि इन एफटीओ को भारत के पड़ोसी देशों में कैडेटों की उड़ान प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी डिजाइन किया गया है. कंपनी को निर्धारित मापदंडों के तहत विमान सुरक्षा पहलुओं, नियामक तंत्र, मानवयुक्त विमानों पर प्रशिक्षण पायलटों के क्षेत्र में अनुभव, उपकरण, प्रशिक्षकों की उपलब्धता की जांच करने के बाद जिम्मेदारी दी गई है.

कई शहरों में ट्रेनिंग देने वाली कंपनियों ने नहीं दिखाया रूझान
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने किशनगढ़ एयरपोर्ट के अतिरिक्त कूचबिहार, देवघर, झारसुगुडा, तेजू, मेरठ, कडपा, हुबली, भावनगर और सेलम हवाई अड्डे पर नई फ्लाइंग ट्रेनिंग एकेडमी खोलने का निर्णय किया था. लेकिन मेरठ, तेजू, भावनगर व हुबली किसी एकेडमी द्वारा रूझान नहीं दिखाने की वजह से इन शहरों में ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी. किशनगढ़ एयरपोर्ट में अनुकुल वातावरण होने की वजह से सबसे ज्यादा भीड़ आई थी.

15 माह के देने होंगे 45 लाख रुपये
वर्ष 2023 के जून माह में शुरु होने वाली एकेडमी में ट्रेनिंग लेने के विद्यार्थियों को 45 लाख रुपये फीस देने होगी. यह राशि 15-10-10-10 के हिसाब अभिभावक जमा करवा सकेंगे. इसके अलावा एकेडमी में प्रवेश लेने वाले एसटी, एसी वर्ग के साथ बालिकाओं को इस फीस में रियात दी जाएगी. किशनगढ़ से पहले रायबरेली के फुरस्त गंज स्थित इंद्रा गांधी राष्ट्रीय उडान एकेडमी, गोंदिया स्थित एनएफआइटी, रेडबर्ड एविएशन व चाईमस एकेडमी द्वारा यही कोर्स 2 से 3 साल में पूरा करवाया जाता है, जिसकी फीस 45 से 50 लाख के बीच है. अधिक वर्ष लगने की वजह से विद्यार्थी विदेशों की रूख करते थे, जिसके लिए उन्होंने करीब 1 करोड़ की फीस देनी पड़ती थी.

अमेरिका और यूरोप से आएंगे प्लेन
अव्यना एविएशन एकेडमी द्वारा यहां दो हवाई जहाज मंगवाए जाएंगे, जो अमेरिका और यूरोप से आएगें. सिंगल इंजन प्लेन अमेरिका की कम्पनी द्वारा दिया जाएगा, वहीं मल्टी इंजन प्लेन यूरोप की कपंनी भेजेगी. जिनके इंजन बंद होने पर भी इन्हें ग्लेड करके आराम से नीचे उतारा जा सकता है. इससे दुर्घटना का अंदेशा नहीं रहता है.

200 घंटे प्लेन उड़ाने की मिलेगी ट्रेनिंग
एकेडमी द्वारा विद्यार्थियों को प्लेन की 400 घंटे की थ्योरी तीन से चार महीने चलेगी, इसके बाद 200 घंटे की फ्लाइंग की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए एकेडमी द्वारा विद्यार्थियों की सुविधा के लिए हॉस्टल कम रेजीडेंशल कॉम्पलेक्स बनवाया जाएगा. इसके अलावा प्लने खड़े करने व उनकी मरम्मत के लिए हेंगर भी एयरपोर्ट पर बनाया जाएगा. यह प्रशिक्षण एयरपोर्ट के वर्तमान रनवे पर ही दिया जाएगा. तय शीड्यूल फ्लाइट के अतिरिक्त समय में इसकी ट्रेनिंग होगी.

उम्र की नहीं बाध्यता, लेकिन कैमेस्ट्री और गणित विषय होना जरूरी
ट्रेनिंग के लिए फिजिक्स और मैथ्स में 12वीं उत्तीर्ण स्टूडेंट आवेदन कर सकेंगे. वहीं पायलट बनने का सपना देखने वाले अन्य वर्ग के विद्यार्थी भी पूरा कर सकेंगे. कंपनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि कोई विद्यार्थी कला या वाणिज्य संकाय का है तो वह नेशनल स्कूल ऑफ ऑपन लर्निंग से फिजिक्स और गणित पास कर प्रवेश ले सकता है.

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