Right to Health Bill: बिल का विरोध कर रहे चिकित्सकों ने ब्यावर के बैनर पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, चिकित्सकों ने बताया कि बिल की खामियों को लेकर अब आमजन को जागरूक किया जाएगा.
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Right to Health Bill: राईट टू हेल्थ बिल के विरोध चिकित्सकों तथा नीजी चिकित्सालयों का आंदोलन के दौरान सभी निजी चिकित्सालयों में स्वास्थ्य सेवा बंद है. बिल का विरोध कर रहे चिकित्सकों ने शनिवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन शाखा ब्यावर के बैनर पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. शहर के जय क्लिनिक एवं नर्सिंग होम में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान उपस्थित चिकित्सकों ने राज्य सरकार के राईट टू हेल्थ बिल का विरोध करते हुए इसे आमजन के खिलाफ बताया.
चिकित्सकों का बयान
चिकित्सकों ने बताया कि राज्य सरकार अपनी खामियों को नीजी अस्पतालों पर थौप रही है. प्रेस वार्ता के दौरान चिकित्सकों ने बताया कि बिल की खामियों को लेकर अब आमजन को जागरूक किया जाएगा. प्रेस वार्ता के दौरान चिकित्सकों ने बताया कि देशवासियों को स्वास्थ्य का अधिकार पहले ही प्राप्त है इसलिए अलग से कानून बनाकर स्वास्थ्य क्षेत्र के संचालन को जटिल बनाया जा रहा है. सारे प्रावधान विभिन्न कानूनों के माध्यम से पहले से ही मिले हुए है. चिकित्सकों ने बताया कि सरकार द्वारा बार-बार यह कहा जा रहा है कि प्रस्तावित बिल विश्व स्वास्थ्य संग्र एवं सर्वोच्य न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप है.
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यदि यह सत्य है तो विश्व स्वास्थ्य संगठन अथवा सर्वोच्य न्यायालय के ऐसे किसी आदेश को सार्वजनिक किया जावें. प्रेस वार्ता के दौरान चिकित्सकों ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि मुफत का कोई भी सिस्टम स्थायी नहीं है. इस प्रकार का सिस्टम एक समय के बाद बंद होना होता है और बंद होने के बाद आंदोलन होते है. प्रेस वार्ता के दौरान चिकित्सकों ने राज्य सरकार पर वोट बटोरने के नाम पर इस प्रकार के बिल पारित करने का आरोप लगाया.
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प्रेस वार्ता के दौरान आईएमए अध्यक्ष डॉ. गोविन्द नाटानी, डॉ. सीपी सिंहल, डॉ. दिलीप टांक, डॉ. पीसी गंगवाल, डॉ. लोकेश सिंहल, डॉ. दिलीप चौधरी, डॉ. महावीर माली, डॉ. एचके आनंदानी, डॉ. बीसी सोढ़ी, डॉ. प्रदीप शारदा, डॉ. क्षमाशील गुप्त तथा डॉ. आरसी सिंघवी सहित अन्य चिकित्सक शामिल थे.
REPORTER- DILIP CHOUHAN