Alwar: एक साल से नहीं मिले विद्यार्थियों को अध्यापक, बच्चे स्कूल छोड़ने को मजबूर
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Alwar: एक साल से नहीं मिले विद्यार्थियों को अध्यापक, बच्चे स्कूल छोड़ने को मजबूर

नीमराणा उपखण्ड की कुतीना ग्रामपंचायत के कांकर गांव में क्रमोन्नत हुए राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 11वीं कक्षा प्रारम्भ हुई. कला संकाय में मात्र तीन विषय राज्य सरकार द्वारा आवंटित किए गए. जिनमे संस्कृत, राजनीति विज्ञान व भूगोल विषय ही पढ़ने को लेकर प्रवेश कर दिया गया.

Alwar: एक साल से नहीं मिले विद्यार्थियों को अध्यापक, बच्चे स्कूल छोड़ने को मजबूर

Alwar news: नीमराणा उपखण्ड की कुतीना ग्रामपंचायत के कांकर गांव में क्रमोन्नत हुए राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 11वीं कक्षा प्रारम्भ हुई. कला संकाय में मात्र तीन विषय राज्य सरकार द्वारा आवंटित किए गए. जिनमे संस्कृत, राजनीति विज्ञान व भूगोल विषय ही पढ़ने को लेकर प्रवेश कर दिया गया. पूरा वर्ष बीत जाने के बावजूद संस्कृत व भूगोल विषय व्याख्याता पद रिक्त ही चले आ रहे है. परन्तु 12वीं की बोर्ड परीक्षा होने व संस्कृत विषय बिना पढ़ाये पढ़ाई नही कर पाने के भय से विद्यार्थियों ने टीसी कटा कर अन्य विद्यालय में जाने का मन बना लिया है.

कई विद्यार्थियों ने तो विद्यालय में आना ही बंद कर दिया है. 11वीं से 12वी में आये 13 विद्यार्थियों में 7 छात्रा ही नियमित आ पा रही है. छात्र कोई भी संस्कृत विषय नही पढ़ना चाह रहे है क्योंकि यहां विषय विशेषज्ञ नही है ,सभी छात्रों का कहना है कि इतिहास विषय यदि विद्यालय में शुरू किया जाए तो ही वो विद्यालय में रह पाएंगे. ऐसे में विद्यार्थियों द्वारा विद्यालय छोड़ते देख प्रधानाचार्य ने एसडीएमसी सदस्यों की बैठक बुला शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा को प्रस्ताव लिख पत्र भेजा है कि विद्यालय में संस्कृत की बजाय इतिहास विषय शुरू किया जावे.

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साथ ही विद्यालय में अन्य शिक्षको के पद रिक्त है. जिनमे वरिष्ठ अध्यापक में अंग्रेजी और विज्ञान विषय के पद रिक्त हैं. वही अध्यापक एल 2 में हिंदी व सामाजिक विज्ञान के विषय अध्यापक के पद रिक्त हैं . कक्षा 4 के लिए 2 पद, व्याख्याताओं में संस्कृत व भूगोल के पद रिक्त होने से भी विद्यार्थी टीसी कटाने को विवश है. गौरतलब है कि हरियाणा सीमावर्ती गांवों, ढाणियों व स्थानीय गांव के विद्यार्थी राजकीय विद्यालय में ही पढ़ने की मंशा से करीब 300 विद्यार्थी इस विद्यालय में अध्ययनरत है. परंतु विद्यालय में राज्य सरकार की अनदेखी के चलते विद्यार्थी स्कूल छोड़ने को मजबूर हो चले है.

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