बकरी पालन में यदि सही जानकारी प्राप्त करनी हो तो नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र के विषय विशेषज्ञों से बात कर समस्याओं का समाधान किया जा सकता है.
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Bansur: नाबार्ड के सहयोग से संचालित युवा जागृति मिल्क व एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड व फेडरेशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह "नारी शक्ति महिला सर्वांगीण विकास सहकारी समिति लिमिटेड "स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को" क्लस्टर मीटिंग "के अंतर्गत "उन्नत बकरी पालन "की जानकारी दी गई.
बानसूर के फतेहपुर गांव में' कृषि विज्ञान केंद्र बानसूर के पशुपालन विषय विशेषज्ञ डॉ.अरविंद कुमार की ओर से क्लस्टर मीटिंग के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को उन्नत बकरी पालन की जानकारी देते हुए बताया कि आज के समय में बकरी पालन विशेषकर महिलाओं के लिए कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने वाला व्यवसाय बकरी पालन है. इसकी शुरूआत बकरियों की कम संख्या से शुरू कर अधिक बढ़ाई जा सकती है. उन्होंने बकरियों की नस्ल सुधार ,क्रॉस ब्रिडिंग, टीकाकरण, उचित वातावरण, दुग्ध उत्पादन आदि की जानकारी के साथ-साथ चारे व पानी की मात्रा के बारे में बताया.
उन्होंने कहा कि व्यवसाय के लिए जमुनापारी व सिरोही नस्ल की बकरी अधिक उन्नत होती हैं. इनके पालन के लिए उपयुक्त वातावरण का होना अति आवश्यक है. यदि सही जानकारी के साथ व्यवसाय की शुरुआत की जाए तो हजार की संख्या से शुरू किया गया व्यवसाय लाखों में बदल सकता है. इसके लिए महिलाएं ऋण भी प्राप्त कर सकती हैं और बकरी पालन में यदि सही जानकारी प्राप्त करनी हो तो नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र के विषय विशेषज्ञों से बात कर समस्याओं का समाधान किया जा सकता है.
युवा जागृति संस्थान के निदेशक गोकुल सैनी ने क्लस्टर मीटिंग में उपस्थित महिलाओं को एपीओ और फेडरेशन का महत्व समझाते हुए संगठित होकर व्यवसाय आरंभ करने के लिए जागरूक किया. इस मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र के पशुपालन विषय विशेषज्ञ 'डॉक्टर अरविंद कुमार,युवा जागृति संस्थान स्वयं सहायता समूह कोऑर्डिनेटर हरीश कुमार सैनी फतेहपुर व मोटूका गांव की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित रही.
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