अलवर में फिर मॉब लिंचिंग का ममला सामने आया है. इस मामले में हंगामे के बाद पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
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Alwar: अलवर के गोविंदगढ़ में चिरंजी लाल हत्याकांड में आज परिजनों और स्थानीय लोगों ने दिनभर रोड जाम और बाजार बंद रख कर आक्रोश जताया. इस मामले को मॉब लिंचिंग की धाराओं में मामला दर्ज करने की मांग करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी और परिवार को सरकारी नॉकरी सहित आर्थिक मुआवजा दिए जाने की मांग करते हुए शाम तक शव का पोस्टमार्टम नहीं होने दिया. हालांकि पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
रामगढ़ के गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र के रामबास में मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया. यहां दो दिन पहले सुबह शौच के लिए घर से बाहर निकले चिरंजी लाल सैनी पर अचानक कई गाड़ियों में भरकर आए. करीब 15 से 20 लोगों ने हमला कर दिया जिससे चिरंजी लाल गंभीर रूप से घायल हो गए. उसे जयपुर रैफर कर दिया गया. जहां इलाज के दौरान सोमवार को चिरंजी लाल की मौत हो गयी.
चिरंजी लाल की मौत की खबर फैलते ही क्षेत्र में तनाव बढ़ गया, जानकारी के अनुसार आरोपी जाति विशेष के होने के चलते क्षेत्र में एक बार फिर सांप्रदायिक और मॉब लिंचिंग मामला होने के चलते पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद हो गया है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं. एसपी तेजस्वीनी के निर्देश पर एएसपी सरिता सिंह, सीओ कमल प्रसाद मीणा, थाना अधिकारी गोविंदगढ़ और रामगढ़ सहित एसडीएम ने भी मोर्चा संभाला.
शव के गोविंदगढ़ पहुंचने के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने दिनभर चिरंजीलाल सैनी की हत्या मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ-साथ मामले को मॉब लिंचिंग की धाराओं में दर्ज करने के अलावा पीड़ित परिवार को 50 लाख रु. की आर्थिक मदद सहित सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग रखी. साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों के न पहुंचने पर भी आक्रोश जताया, भाजपा नेता सुखवंत सिंह ने यहां सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ तुष्टिकरण के आरोप लगाए.
यहां मंगलवार को दिनभर शव के अंतिम संस्कार के लिए चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए एएसपी सरिता सिंह, एसडीएम लक्ष्मणगढ लाखन सिंह गुर्जर, सीओ कमल प्रसाद मीणा ने लोगों की समझाइश की. लेकिन परिजन और ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे. इस मामले में भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा का कहना है कि सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधि इस क्षेत्र में तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं. यही घटना किसी विशेष समुदाय के साथ होती तो प्रशासन और सरकार किसी और तरीके से काम करती. उन्होंने कहा कि इस मामले में मॉब लिंचिंग की धराओं में मामला दर्ज कर आरोपियों की तुरन्त प्रभाव से गिरफ्तारी हो और पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराए. नहीं तो सड़को पर उतर का आंदोलन किया जाएगा.
गतिरोध को खत्म करने के लिए पीड़ित परिवार की ओर से दी गई मांगों का ज्ञापन उच्च अधिकारियों को तत्काल भेज दिया गया और जिलाधीश अलवर की ओर से पीड़ित पक्ष को 5 लाख रुपए की पीड़ित प्रतिकर सहायता राशि दिए जाने की बात कही. वहीं 50 लाख और सरकारी नौकरी की मांग को उच्च अधिकारियों के पास भेज दिया गया है. साथ ही अधिकारियों ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया और कहा कि जांच में जो भी दोषी होगा उनके खिलाफ जो भी धाराएं बनती है उसी के अनुरूप ही कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि आरोपियों का ट्रेक्टर चोरी हुआ था जो गोविंदगढ़ के रामबास की तरफ नाकेबन्दी में पकड़ा गया था. ट्रेक्टर और चोरों का पीछा कर रहे एक दर्जन से ज्यादा जाती विशेष के लोगों ने रामबास पहुंच कर 14 अगस्त रविवार को सुबह करीब पांच बजे घर से शौच के लिए निकले चिरंजीलाल को चोर समझ कर उस पर लाठी डंडों से हमला कर दिया. जिसमें वह गम्भीर रूप से घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए सीएचसी गोविंदगढ़ ले जाया गया. वहां से उसे अलवर, फिर जयपुर रैफर कर दिया. जहां इलाज के दौरान दूसरे दिन 15 अगस्त को चिरंजीलाल की मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में असद खा पुत्र मकबूल खा, स्याबु पुत्र असरफ़ खा, साहुन पुत्र जुम्मे खा, तलीम पुत्र यासीन खा, कासम पुत्र साहबदीन, पोला उर्फ ताफीक पुत्र रुजदार और विक्रम खा पुत्र जुम्मे खा को गिरफ्तार किया है. साथ ही स्कॉर्पियो गाड़ी को भी पुलिस ने बरामद कर लिया है. सभी आरोपी अलवर सदर थाना क्षेत्र के उलाहेड़ी गांव के निवासी है.
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