जम्मू में ही नहीं बल्कि राजस्थान में भी है वैष्णोदेवी का मंदिर, केवल नवरात्रि में खुलती है गुफा
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जम्मू में ही नहीं बल्कि राजस्थान में भी है वैष्णोदेवी का मंदिर, केवल नवरात्रि में खुलती है गुफा

Rajasthan News: राजस्थान में आदिशक्ति के पर्व पर यू तो हर मंदिर में माता रानी के जयकारे गूंज रहे हैं. प्रदेश के मालाखेड़ा बाजार में भी वैष्णो देवी मंदिर है, जहां की महिमा बड़ी अनोखी है

जम्मू में ही नहीं बल्कि राजस्थान में भी है वैष्णोदेवी का मंदिर, केवल नवरात्रि में खुलती है गुफा

Rajasthan News: राजस्थान में आदिशक्ति के पर्व पर यू तो हर मंदिर में माता रानी के जयकारे गूंज रहे हैं. इनदिनों माता रानी के दर्शन करने के लिए लंबी-लंबी लाइने लग रही है. साथ ही माता रानी के भजन कीर्तन किए जा रहे हैं. 

ऐसे में प्रदेश के अलवर के मालाखेड़ा बाजार में भी वैष्णो देवी मंदिर है, जहां की महिमा बड़ी अनोखी है. गुफा वाले इस मंदिर में दर्शन के लिए लंबी-लंबी लाइने लगती हैं क्योंकि यह मंदिर जम्मू स्थित कटरा के वैष्णो देवी मंदिर की तरह बना हुआ है. 

अलवर के इस मंदिर में माता के तीनों पिंडी स्वरूपों की पूजा होती है. इस मंदिर में साल में केवल नवरात्रों पर भक्तों के लिए यह गुफा खोली जाती है, जिसके चलते यहां नवरात्रि में भारी भीड़ देखने को मिलती है. 

मिली जानकारी के अनुसार, नवरात्रि में भक्तों के लिए यह गुफा खोली जाती है. ऐसे में बडी संख्या में भक्त 9 दिन आकर माता के पिंडी स्वरूप के दर्शन कर अपनी मनोकामना मांगते हैं. 

नवरात्रि के वक्त मंदिर के पट सुबह 4 बजे खुलते हैं और देर रात 12 बजे तक भक्त माता के दर्शन करते हैं.9 दिन मंदिर प्रांगण में संगत की ओर से माता के गीत व भजन गाए जाते हैं. कहते हैं कि जो भक्त कटरा स्थित वैष्णो मंदिर नहीं जा पाए हैं, वह सब अलवर के इस मंदिर में माता रानी के दर्शन करने आते हैं.

जानकारी के मुताबिक, यह मंदिर लगभग 55 साल पुराना है. इस मंदिर को गुफा वाला मंदिर भी कहा जाता है. अलवर के इस मंदिर में वैष्णो देवी मंदिर के तर्ज पर गुफा बनाई गई है. 

लोगों का कहना है कि मंदिर बनवाने के लिए जम्मू के कारीगरों को बुलाया गया था. कारीगरों का कहना था कि अलवर में यह पहला मंदिर है, जिसे उन्होंने बनाया है. इसके बाद उनके द्वारा कहीं और ऐसा मंदिर नहं बनाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, मंदिर की गुफा में रोजाना बर्फ डाली जाती है, जिससे पानी ठंडा रहे. 

इस मंदिर की गुफा में काली, सरस्वती व लक्ष्मी के स्वरूप में माता रानी की पूजा की जाती है. इसके अलावा मंदिर में  झूलेलाल, संतोषी माता, गणेश जी, हनुमान जी, शिव परिवार, राम दरबार सहित सभी देवी देवता विराजमान हैं. इस गुफा को नवरात्रि में शुरू की जाती है, जिसको इसके बाद बंद कर दिया जाता है और बाहर से आरती की जाती है. 

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