अलवर राजगढ़ केस: एक माह बाद भी नहीं मिला न्याय, अनशन पर बैठे कई परिवार
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अलवर राजगढ़ केस: एक माह बाद भी नहीं मिला न्याय, अनशन पर बैठे कई परिवार

17 अप्रैल को राजगढ़ के महिला चिकित्सालय से लेकर गोलसर्किल तक मास्टर प्लान की आड़ में सड़क चौड़ा करने के लिए बड़ी कार्रवाई की गई, जिसमें 85 से ज्यादा दुकानों और मकानों सहित तीन मंदिरों को भी ध्वस्त कर दिया गया.

अलवर राजगढ़ केस: एक माह बाद भी नहीं मिला न्याय, अनशन पर बैठे कई परिवार

Alwar: राजगढ़ में नगर पालिका प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई को एक माह बाद भी लोग उस ख़ौफ़नाक मंजर को भुला नही पा रहे हैं. जब बुलडोजर से एक साथ 85 मकानों दुकानो सहित तीन मंदिरों को भी ध्वस्त कर दिया गया था. 

आज सैकड़ों परिवार सड़क पर आ गए हैं, जिनके पास न व्यापार के लिए दुकान है, न सिर ढकने के लिए छत. लोग न्याय की मांग के चलते अनशन पर बैठे हैं लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही. अब न कोई नेता आगे आ रहे, न ही कोई प्रशासन सुन रहा है.

अधिकारियों ने नहीं की सुनवाई
17 अप्रैल को राजगढ़ के महिला चिकित्सालय से लेकर गोलसर्किल तक मास्टर प्लान की आड़ में सड़क चौड़ा करने के लिए बड़ी कार्रवाई की गई, जिसमें 85 से ज्यादा दुकानों और मकानों सहित तीन मंदिरों को भी ध्वस्त कर दिया गया. इस दौरान नगर परिषद प्रशासन के आगे लोग हाथ जोड़ कर विनती करते रहे कि उनके पास कागजात है. किसी ने कहा उन्हें नगर पालिका राजगढ़ से पट्टा मिला हुआ है लेकिन अधिकारियों ने किसी की नहीं सुनी और ताबड़ तोड़ कार्रवाई करते हुए पूरे बाजार को खंडहर में तब्दील कर दिया गया. पूरे देश मे यह मामला सुर्खियों में रहा. सब नेता और पार्टियां शुरुआत में तो सब नजर आयी लेकिन अब सब गायब है. अब सभी पीड़ित न्याय की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं कि उन्हें न्याय मिले. उन्हें मुआवजा मिले. मकानों का पुननिर्माण हो. दोषी अधिकारियो के खिलाफ कार्रवाई हो. राजगढ़ में पिछले कई दिनों से राजगढ़ बचाओ संघर्ष समिति द्वारा आमरण अनशन किया जा रहा है पर कोई सुनवाई नही हो पा रही.

इस कार्रवाई में सैकड़ों लोग बेरोजगार हो गए. बेबस लोग आजीविका की तलाश कर रहे हैं. कई परिवारों के आशियाने उजड़ गए. व्यापार करने को दुकान नहीं बची. रहने को छत नहीं, आखिर जाएं तो जाएं कहां?

बाजार बंद कर जताई नाराजगी
इस मामले में राजगढ़ बचाओ संघर्ष समिति द्वारा पिछले करीब दस दिनों से आमरण अनशन किया जा रहा है. यहां तक की राजगढ़ बाजार बंद रख कर आक्रोश जताया लेकिन प्रशासन द्वारा अभी तक कोई राहत नही दी जा रही. इसकी की चलते अलवर में भाजपा द्वारा 5 मई को अलवर में एक हुंकार रैली का भी आयोजन किया गया. चारों तरफ सरकार के खिलाफ आंदोलन प्रदर्शन हुए लेकिन कोई राहत अभी तक पीड़ितों को नहीं मिल पा रही.

कब कब क्या हुआ
6 अप्रैल 2022 को नगर पालिका राजगढ़ द्वारा मास्टर प्लान के तहत 85 लोगो को नोटिस जारी किए.
17 अप्रैल 2022 को महिला चिकित्सालय से गोल सर्किल तक बुलडोजर से कार्रवाई करते हुए 85 दुकानों और मकानों सहित 3 मंदिरों को ध्वस्त कर दिया.
25 अप्रैल को सरकार ने एसडीएम केशव कुमार और नगर पालिका ईओ सहित नगर पालिका चेयरमैन को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया.
5 मई को भाजपा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अलवर में हुंकार रैली का आयोजन किया.
नगर पालिका चेयरमैन ने अपने निलंबन की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जहां से उन्हें स्टे मिला लेकिन इस पूरे घटना कर्म के बाद सैकड़ों परिवार आज न्याय के लिए सड़कों पर बैठे हैं.

Reporter- JUGAL KISHOR

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