RAJASTHAN ELECTION RESULT: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल सामने आने के बाद भाजपा के अंदरखाने हलचल तेज हैं. दरअसल भाजपा को एग्जिट पोल के अनुसार मार्जिनल बढ़त दिखाई दे रही है और अगर यह नतीजें में परिवर्तित होती है, तो सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर मुख्यमंत्री कौन होगा? सियासी जानकारों का कहना है कि अगर भाजपा 95 से 110 सीटों के फेरे में अगर फसती है, तो वसुंधरा राजे का मुख्यमंत्री बनना तय है, लेकिन हम आपको भाजपा खेमे से मुख्यमंत्री पद के पांच बड़े दावेदारों के बारे में बता रहे हैं.
अगर भाजपा सत्ता में वापसी करती है तो मुख्यमंत्री पद की सबसे प्रबल दावेदार वसुंधरा राजे ही है, वसुंधरा राजे प्रदेश की दो बार मुखिया रह चुकी है और साथ ही सबसे लोकप्रिय नेता भी है. सियासी पंडितों का दावा है कि अगर भाजपा 100 या 110 के फेरे में फंसती है तो निश्चित तौर पर वसुंधरा राजे ही फिर से सूबे की कमान संभालेंगे.
राजस्थान विधानसभा चुनाव में महारानी के बाद सबसे ज्यादा अगर किसी की चर्चा रही तो वह राजकुमारी की थी, जयपुर राजघराने से संबंध रखने वाली भाजपा सांसद दीया कुमारी जयपुर की विद्याधर नगर सीट से चुनावी मैदान में है. इस सीट से वसुंधरा राजे के बेहद करीबी रह चुके नरपत सिंह का टिकट काटा गया था, वहीं लगातार सियासी जानकार दीया कुमारी को वसुंधरा राजे का विकल्प बता रहे हैं, ऐसे में दीया कुमारी की भी बड़ी दावेदारी मानी जा रही है.
जाट समुदाय से आने वाले सतीश पूनिया का नाम भी लंबे अरसे से मुख्यमंत्री की रेस में चल रहा है, अगर भाजपा प्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब होती है तो पार्टी आलाकमान उन्हें यह दायित्व सौंप सकता है. सतीश पूनिया संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और इस कार्यकाल के दौरान उप नेता प्रतिपक्ष का भी दायित्व निभाया है, वह जयपुर की ही आमेर सीट से चुनावी मैदान में है.
अलवर से सांसद महंत बालक नाथ का नाम भी चुनावी समर में मुख्यमंत्री के रेस में चल रहा है. सियासी पंडितों का मानना है कि अगर भाजपा उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अगर योगी को मुख्यमंत्री बना देती है तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. आपको बता दें कि यादव समुदाय से संबंध रखने वाले महंत योगी बालक नाथ मस्तनाथ मठ के आठवें महंत है.
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत यूं तो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन लगातार शेखावत को सरकार और संगठन में अहम भूमिका दी जा रही है. शेखावत की टिकट बंटवारे में भी खूब चली. ऐसे में सियासी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर भाजपा को बहुमत मिलता है तो पार्टी शेखावत को केंद्र से राज्य की सत्ता में भेज सकती है.
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