राजस्थान में सत्ता परिवर्तन या गहलोत की वापसी, वोटिंग ट्रेंड ने दिए संकेत
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राजस्थान में सत्ता परिवर्तन या गहलोत की वापसी, वोटिंग ट्रेंड ने दिए संकेत

Rajasthan Chunav 2023 : राजस्थान में 25 नवंबर को हुई बंपर वोटिंग के बाद सवाल ये है कि क्या सत्ता परिवर्तन होने को है या फिर गहलोत की वापसी तय है. आंकड़ों की बात करें तो राज्य में 0.33 फीसदी वोट से भी सत्ता बदल जाती है.  जैसा कि विधानसभा चुनाव 2018 में 0.54 फीसदी से ज्यादा वोट पर कांग्रेस की सरकार बन गयी थी.

 

राजस्थान में सत्ता परिवर्तन या गहलोत की वापसी, वोटिंग ट्रेंड ने दिए संकेत

Rajasthan Election Result​ 2023 : राजस्थान में 25 नवंबर को हुई बंपर वोटिंग के बाद सवाल ये है कि क्या सत्ता परिवर्तन होने को है या फिर गहलोत की वापसी तय है. आंकड़ों की बात करें तो राज्य में 0.33 फीसदी वोट से भी सत्ता बदल जाती है.  जैसा कि विधानसभा चुनाव 2018 में 0.54 फीसदी से ज्यादा वोट पर कांग्रेस की सरकार बन गयी थी.

पहले भी कई बार राजस्थान में खंडित जनादेश जनता ने दिया है, लेकिन जिस भी पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं, वो बहुमत जुटाने में कामयाबी हो गयी है. साल 1993 में जब बीजेपी के भैरों सिंह शेखावत सीएम बने, तब से कांग्रेस और बीजेपी लगातार सत्ता में आती जाती रही हैं. साल 1962 में कांग्रेस को 176 में से 88 सीटें मिली थी, तो वहीं 1967 में कांग्रेस विरोधी माहौल होने के बाद भी 184 में से 89 सीटें उसे मिली थी.

साल 1972 में कांग्रेस ने 184 में से 145 सीटें जीत ली थी और स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई थी. फिर 1980 में 200 में से 133 सीटें और 1985 में 113 सीटें जीती .1977 में जनता पार्टी ने 200 में से 152 सीटें जीती थीं और 1998 में कांग्रेस 153 सीटों पर विजयी रही थी.

साल 1990 में बीजेपी और वीपी सिंह वाली पार्टी जनता दल के बीच गठबंधन हो गया. बीजेपी को 200 में से 85 सीटें मिल गयी और उसने जनता दल के 55 विधायकों के समर्थन से सरकार भी  बनाई. 1993 में बीजेपी ने 95 सीटों को जीता और  बहुमत के क़रीब पहुंच गयी थी. 2008 और 2018 में कांग्रेस ने 200 सीटों वाली विधानसभा में एक बार 96 और दूसरी बार 100 सीटें जीती. 

अब बात 25 नंवबर को हुई वोटिंग की तो भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार 75.45 प्रतिशत मतदान हुआ था. जबकि 2018 में प्रदेश में  74.71 प्रतिशत मतदान हुआ था और 0.54 फीसदी अधिक वोट पाने वाली कांग्रेस की सरकार बनी थी.

खैर सरकार किसकी बनेगी ये 3 दिसंबर को तय होगा. अब सीएम गहलोत की लोक कल्याणकारी योजनाओं से वापसी की उम्मीद सही साबित होती हैं या फिर बीजेपी की मोदी के नाम की गारंटी वोट दिला पाती है, इसके लिए बस कुछ दिनों का इंतजार करना होगा.

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