Banswara news : नवरात्रि में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने आएंगे, जिले के उमराई गांव में स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में भी नवरात्रि महोत्सव को लेकर पूरी तैयारी पूर्ण कर ली गई है.वही लगातार नो दिन मंदिर में विभिन्न आयोजन होंगे और कई राजनेता भी मां के दर्शन के लिए पहुंचेंगे
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Banswara news : बांसवाड़ा जिले में आज से नवरात्रि महोत्सव का आगाज होने वाला है . नवरात्रि महोत्सव को लेकर जिले में सभी मंदिरों में तैयारिया पूर्ण कर ली गई है . जिले के उमराई गांव में स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में भी नवरात्रि महोत्सव को लेकर पूरी तैयारी पूर्ण कर ली गई है. आज दोपहर को 12:01 से 12:46 तक घट स्थापना होगी और एकम के दिन मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचेंगे . सुबह मंगला आरती हुई जिसमें जिले के सभी श्रद्धालु भाग लिए . लगातार नवरात्रि के 9 दिन में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में मेला आयोजित होगा और रात को गरबा नृत्य का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में जिले के लोग भाग लेंगे.
लगेगी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओ की भीड़
नवरात्रि में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने आएंगे। नवरात्रि में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओ के आने पर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. मंदिर परिसर पूरा सीसीटीवी कैमरे से युक्त है, वहीं पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क है। मंदिर के चप्पे चप्पे पुलिस बल तैनात रहेगा और भक्तों की सुरक्षा करेगा. वही लगातार नो दिन मंदिर में विभिन्न आयोजन होंगे और कई राजनेता भी मां के दर्शन के लिए पहुंचेंगे
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मंदिर के बारे में
मां त्रिपुरा सुंदरी के बारे में कहा जाता है कि मंदिर के आस-पास पहले कभी तीन दुर्ग थे. शक्तिपुरी, शिवपुरी तथा विष्णुपुरी नामक इन तीन पुरियों में स्थित होने के कारण देवी का नाम त्रिपुरा सुन्दरी पड़ा.यह स्थान कितना प्राचीन है प्रमाणित नहीं है लेकिन देवी मां की पीठ का अस्तित्व यहां तीसरी सदी से पूर्व का माना गया है. माता के बारे में कहा जाता है कि मालव नरेश जगदेश परमार ने तो मां के श्री चरणों में अपना शीश ही काट कर अर्पित कर दिया था और उसी समय राजा सिद्धराज की प्रार्थना पर मां ने पुत्रवत जगदेव को पुनर्जीवित कर दिया था.