गुजरात से अगवा हुई 2 बेटियों को ढूंढने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल पहुंची बालोतरा, 10 साल बाद भी नहीं लगा सुराग
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गुजरात से अगवा हुई 2 बेटियों को ढूंढने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल पहुंची बालोतरा, 10 साल बाद भी नहीं लगा सुराग

गुजरात के राजकोट से 29 अप्रैल 2012 को एक टाइल्स बनाने वाली फैक्ट्री के मजदूर हरिसिंह ने मामला दर्ज कराया था कि उसके साथ फैक्ट्री में काम करने वाले ओमप्रकाश चौधरी और उसकी पत्नी सुगना ने उसकी दो बेटियों सपना उम्र 7 साल और खुशी उम्र 5 साल को मंदिर में झूला दिखाने के बहाने साथ लेकर गए थे और वापस नहीं लौटे.

10 साल पूर्व अगवा हुई 2 बालिकाओं को ढूंढने के लिए स्पेशल टीम बालोतरा पहुंची.

Pachpadra: गुजरात के राजकोट से 10 साल पूर्व अगवा हुई 2 बालिकाओं को ढूंढने के लिए स्पेशल टीम बालोतरा पहुंची. एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट उपखण्ड के गांवो में आरोपी दम्पति की तलाश में जुटी हुई है. टीम के प्रभारी टीएस रिजवी ने बताया कि गुजरात के राजकोट से 29 अप्रैल 2012 को एक टाइल्स बनाने वाली फैक्ट्री के मजदूर हरिसिंह ने मामला दर्ज कराया था कि उसके साथ फैक्ट्री में काम करने वाले ओमप्रकाश चौधरी और उसकी पत्नी सुगना ने उसकी दो बेटियों सपना उम्र 7 साल और खुशी उम्र 5 साल को मंदिर में झूला दिखाने के बहाने साथ लेकर गए थे और वापस नहीं लौटे.

सपना और खुशी की तलाश, 10 साल बाद भी नहीं लगा सुराग 
दरअसल राजकोट मिठौड़ा जीआईडीसी में टाइल्स बनाने की कारखाने है जहां राजस्थान,एमपी,यूपी और बिहार के हजारों मजदूर काम करते है. वहां राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के किरखेड़ा निवासी हरिसिंह पुत्र भवानीसिंह अपने परिवार के साथ फैक्ट्री में मजदूरी का कार्य करते थे,वहीं आरोपी दम्पति उनके पड़ोस में ही रहते थे,एक ही राज्य के पड़ोसी होने के नाते उनका घर पर आना जाना था. एक दिन उन्होंने उसकी दोनों बेटियों को मणिदीप माता मंदिर में दर्शन और खिलौने दिलाने के बहाने अपने साथ लेकर गए लेकिन वापस नहीं लौटे.

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10 साल बाद भी आरोपी का नहीं लगा सुराग
मामले में पहले भी AHTU टीम और गुजरात पुलिस ने क्षेत्र में तलाश की थी, लेकिन उन्हें आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिला ,अब एक फिर टीम ने नए सिरे से जांच शुरू की और गांवो की वोटरलिस्ट,सहित अन्य बिंदुओं के जरिये तलाश शुरू की.

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