बाड़मेर: पाकिस्तानी विस्थापितों को CAA के जरिए नागरिकता पाने की दी गई जानकारी, सीमा जनकल्याण समिति ने किया आयोजन
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बाड़मेर: पाकिस्तानी विस्थापितों को CAA के जरिए नागरिकता पाने की दी गई जानकारी, सीमा जनकल्याण समिति ने किया आयोजन

Barmer: देशभर में सीएए लागू होने के बाद अब लगातार पाक विस्थापितों को कानून के प्रति जागरुक कर नागरिकता के लिए आवेदन कराया जा रहा है. सोमवार को सरहदी बाड़मेर जिला मुख्यालय पर सीमा जनकल्याण समिति की ओर से बैठक आयोजित की गई.

Pak migrants in barmer ZeeRajasthan

Barmer: देशभर में सीएए लागू होने के बाद अब लगातार पाक विस्थापितों को कानून के प्रति जागरुक कर नागरिकता के लिए आवेदन कराया जा रहा है. इसके लिए सीमा जनकल्याण समिति संगठन लगातार अभियान चला कर पाक विस्थापितों को नागरिकता के लिए आवेदन करा रही है.

इसी कड़ी में सोमवार को सरहदी बाड़मेर जिला मुख्यालय पर सीमा जनकल्याण समिति की ओर से बैठक आयोजित की गई. इसमें पाक विस्तापितों को सीएए (CAA) कानून के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. साथ ही 2014 से पहले आए हुए सभी पाक विस्थापितों को नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आग्रह किया.

वहीं  राजस्थान गुजरात संगठन मंत्री एवं सीमा जन कल्याण समिति के सदस्य निम्बसिंह ने बताया कि,  भारत पाकिस्तान के बंटवारे के समय पाक में रहने वाले हिंदू परिवारों को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था. ये सभी परिवार वहां से प्रताड़ित होकर भारत में शरण लेने के मन से यहां रहने लगे.  

हालातों के मद्देनजर रखते हुए पाक विस्थापितों के दुख को समझते के साथ इनके लिए  केंद्र सरकार ने 2024 में सीएए लागू किया. इसके अंतर्गत नागरिकता नियमों में सरलीकरण किया गया. वहीं अब कोई भी पाक विस्थापित जो 2014 से पहले भारत आया हुआ है, वह अपने पासपोर्ट के आधार पर  नागरिकता के लिए ऑनलाइन/ ऑफलाइन आवेदन कर सकता है. 

बता दें कि, राजस्थान गुजरात के कई जिलों में दो-दो हजार से अधिक संख्या में पाक विस्थापित रह रहे हैं. उनको प्रेरित कर ऑनलाइन आवेदन करवाए जा रहे हैं जिससे उन्हें भारत की नागरिकता मिल सके।

पाक विस्थापित राम सिंह सोढा ने बताया कि, वह पाकिस्तान में प्रताड़ित होकर भारत आने के बाद भी उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. उन्हें नागरिकता  लेने के लिए, पासपोर्ट रिन्यू कराने के लिए दिल्ली के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन अब सी ए ए कानून लागू होने के बाद मिनिमम दस्तावेजों के साथ वह नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं. इससे उनकी प्रताड़ना का दर्द कम होगा. 

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