बायतू: लंपी स्किन डिजीज को लेकर विधायक हरीश चौधरी ने किया पशुपालकों से संवाद
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बायतू: लंपी स्किन डिजीज को लेकर विधायक हरीश चौधरी ने किया पशुपालकों से संवाद

विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि बायतु पशु बाहुल्य क्षेत्र में गोवंश में फैली लंपी स्किन डिजीज जैसी महामारी के उपचार एवं रोकथाम के लिए हर स्तर पर पुख्ता प्रबन्ध हो. 

बायतू: लंपी स्किन डिजीज को लेकर विधायक हरीश चौधरी ने किया पशुपालकों से संवाद

Baytoo: पूर्व राजस्व मंत्री और विधायक हरीश चौधरी मंगलवार को बायतू के कानोड़, चिलानाड़ी, सवाऊ मूलराज समेत कई गांवों का दौरा कर गौवंश में फैली लंपी स्किन डिजीज के बारें में गांवो में गठित दलों के बीच जाकर विस्तार से फीडबैक लिया. उन्होंने अब तक सर्वे किए गए पशुओं, प्रभावित पशुओं, उपचारित पशुओं के साथ ही मृत पशुओं के बारें में जानकारी ली.

इस दौरान उन्होंने बीमारी को लेकर स्थानीय पशुपालकों को भी बीमारी के रोकथम को लेकर जागरूक भी किया. उन्होंने उपखंड अधिकारी जगदीश सिंह आशिया को निर्देश दिए कि वे इस बीमारी के संबंध में फील्ड में काम कर रहे दल सही रिपोर्ट प्रस्तुत करें ताकि हम राज्य सरकार से इस प्रकोप के रोकथाम के लिए पर्याप्त मात्रा में मैन पावर एवं दवाईयां प्राप्त कर सके.

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उन्होंने स्थानीय प्रशासन और पशुपालन विभाग द्वारा बीमारी के रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों की तारीफ की एवं कहा कि इस महामारी की घड़ी में हम सभी को मिलकर गौवंश को बचाना है, उसी ध्येय से कार्य करें. 

विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि बायतु पशु बाहुल्य क्षेत्र में गोवंश में फैली लंपी स्किन डिजीज जैसी महामारी के उपचार एवं रोकथाम के लिए हर स्तर पर पुख्ता प्रबन्ध हो. उन्होंने जागरूक लोगों और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों को निर्देश दिए कि वे इस महामारी के दौरान पूरी सेवा भावना से कार्य कर गोवंश को बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता रखें ताकि हम इस बीमारी की रोकथाम में सफल हो सकें.

स्थानीय कर्मचारी और लोगों का लें सहयोग
पूर्व मंत्री और विधायक हरीश चौधरी ने इस महामारी में भी कोरोना महामारी की तरह भामाशाहों एवं दानदाताओं का सहयोग लेने पर जोर दिया ताकि हम और अधिक प्रभावी ढंग से गोवंश को बचाने के लिए कार्य कर सकें. उन्होंने सरपंचों का भी पूरा सहयोग लेने पर बल दिया एवं साथ ही कहा कि जो पशु चिकित्सा टीमे गांवों में जा रही है, वे सरपंचों से सम्पर्क कर प्रत्येक गांव में 5 से 7 वॉलिन्टियर्स का सहयोग लेकर जागरूकता कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से चलावे ताकि हर पशुपालक इसके प्रति जागरूक हो एवं अपने पशु को बचाने के लिए समय रहते उपचार करवा सके.

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