कृषि विज्ञान केन्द्र में खुदरा उर्वरक और मूल्य संवर्धन प्रशिक्षण का समापन
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1213782

कृषि विज्ञान केन्द्र में खुदरा उर्वरक और मूल्य संवर्धन प्रशिक्षण का समापन

बाड़मेर के गुड़ामालानी कृषि विज्ञान केन्द्र में खुदरा उर्वरक और मूल्य संवर्धन प्रशिक्षण का समापन गुरूवार को हुआ.

  • अध्यक्ष डॉ. प्रदीप पगारिया ने कहा कि पर्यावरण संतुलन के लिए जैविक कृषि एक रास्ता है, जिसके माध्यम से पारिस्थितिकी जैव विविधता आदि का संतुलन किया जा सकता है, जो आने वाले समय में वातावरणीय परिवर्तन को संतुलित कर सकें. 

Trending Photos

मूल्य संवर्धन प्रशिक्षण का समापन

Barmer: बाड़मेर के गुड़ामालानी कृषि विज्ञान केन्द्र में खुदरा उर्वरक और मूल्य संवर्धन प्रशिक्षण का समापन गुरूवार को हुआ. इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व्यापार मंडल अध्यक्ष  पुरुषोत्तम जैन ने सभी प्रतिभागियों को जैविक खेती, कम से कम खाद्य उर्वरक, संतुलित मात्रा में उर्वरक तथा अपने क्षेत्र और बिजनेस में ईमानदारी से कार्य करने के लिए कहा, जिससे किसान साथियों को जयादा से ज्यादा फायदा मिले. इस दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. प्रदीप पगारिया ने कहा कि पर्यावरण संतुलन के लिए जैविक कृषि एक रास्ता है, जिसके माध्यम से पारिस्थितिकी जैव विविधता आदि का संतुलन किया जा सकता है, जो आने वाले समय में वातावरणीय परिवर्तन को संतुलित कर सकें. उन्होंने कहा कि हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है कि उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ वातावरण को संतुलित रखते हुए उर्वरकों की खपत अनुसूचित मात्रा में करने की सलाह पर जोर देना चाहिए, जिससे आने वाले समय में प्रति हेक्टर लागत कम होकर उत्पादन बढ़ाया जा सकें. 

निलेश कैन फाउंडेशन ने सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी युवाओं को अपनी प्रतिभा को पहचान कर उसके अनुसार अपनी रणनीति बनाकर व्यवसाय को विकसित करना चाहिए और इसके साथ-साथ स्वयं के स्वास्थ्य और जमीन के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए खेती करनी चाहिए, मूल्य संवर्धन के रूप में प्रतिभागियों को अपना लघु उद्योग विकसित करने पर भी विचार करना चाहिए.  कार्यकर्ता भगवती आंगनी ने प्रोग्राम में शिरकत कर सभी युवाओं को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी. 

जुनेद बानो प्रधानाचार्य ने कहा कि सभी महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर भागीदारी निभानी चाहिए और अपने हुनर का प्रयोग कर नवाचारों को सीखना चाहिए.  डा. बाबू लाल जाट ने समन्वित पोषण प्रबंधन पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन की महती आवश्यकता है, जिससे हो रहें वर्तनी परिवर्तन को कम किया जा सकें एवं सतत उत्पादन प्राप्त किया जा सकें. आर्या परियोजना के तहत मूल्य संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में प्रभारी डॉ. सुमन शर्मा ने प्रशिक्षण क्रायक्रम के बारे में सभी को अवगत कराते हुए इस कार्यक्रम का उद्देश्य बताया कि इसके अंतर्गत ग्रामीण युवाओं को कृषि की ओर आकर्षित कर कृषि से उपलब्ध संसाधनों का मूल्य संवर्धन कर युवाओं को रोजगार प्रदान कर उद्यमी बनाना हैं. इसके साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेषकर बाजरे एवं अनार के विभिन्न उत्पादों के मूल्य संवर्धन पर प्रायोगिक जानकारी दी गई. इस मौके पर पशुपलान विशेषज्ञ डॉ. गीतेश मिश्रा ने युवाओं को बताया की अपने हुनर का प्रयोग कर अपने कार्य करने की दक्षता बढ़ा कर रोजगार विकसित कर सकते हैं. 

कार्यक्रम सहायक गंगा राम माली  ने युवाओं को कृषि एवं मूल्य संवर्धित उत्पादों का भविष्य बताते हुए रोजगार के साधनों के बारे में बताया.  शिविर में बाजरे के बिस्कुट, केक एवं नमकीन आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया गया.

फार्म प्रबंधक तुरफान खान और डॉ. रावता राम ने धन्यवाद ज्ञापित किया.

यह भी पढ़ें - शादी समारोह का खाना खाने से 250 लोग पड़े बीमार, चिकित्सा विभाग ने लिए खाने के सैंपल

 

Trending news