आपको बता दें कि नदी में शहर के गंदे पानी के नाले के बहाव के अलावा कचरा भी फेंका जाता है. जिस कारण नदी पूरी तरह डंप यार्ड में तब्दील हो चुका है.
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आशीष चतुर्वेदी, करौली: जिला मुख्यालय से निकलने वाली भद्रावती नदी प्रदेश सरकार की अनदेखी के कारण गंदे नाले में तब्दील हो चुकी है. दशकों तक शहर में पेयजल आपूर्ति करने वाली भद्रावती नदी स्वरूप पूरी तरह बदहाल हो चूका है.
आपको बता दें कि नदी में शहर के गंदे पानी के नाले के बहाव के अलावा कचरा भी फेंका जाता है. जिस कारण नदी पूरी तरह डंप यार्ड में तब्दील हो चुका है. लेकिन इस मुद्दे पर प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि पूरी तरह मौन हैं.
स्थानीय लोगों की भी है जवाबदेही
पर्यावरण कार्यकर्ता इसके लिए स्थानीय लोगों को भी जिम्मेवार मानते हैं. उनका मानना है कि महज राजनीतिक लोकप्रियता के लिए राजनेता सफाई अभियान चलाते तो हैं. लेकिन नदी की हालात सुधरने के लिए जरुरी प्रयास नहीं किए जा रहे हैं.
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पूरे साल रहता था पानी
बता दें, भद्रावती नदी शहर से गुजरने वाली काफी बड़ी नदी है. जिसमें पूरे साल पानी रहता है. लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण इसमें बारिश के दौरान केवल पानी उपलब्ध रहता है. करौली शहर के लगभग एक दर्जन गंदे नाले व बूचड़ खानों की गंदगी नदी में गिरने के कारण पानी दूषित और गंदा हो रहा है. इसके अलावा प्लास्टिक के ढेर के कारण नदी का स्वरूप पूरी तरह बिगड़ गया है.
नदी के अस्तित्व पर संकट
स्थानीय लोगों का आरोप है राजनीतिक इच्छाशक्ति, प्रशासनिक लापरवाही और आम लोगों की उदासीनता के काऱण नदी का अस्तित्व संकट में पड़ गया है. वहीं, नदी के गंदे पानी से होने वाले सिंचाई के कारण गंभीर बीमारियों का खतरा बना हुआ है.