राजस्थान चुनाव में मतदान के दौरान EVM ने भी बनाए नए रिकॉर्ड, जानिए पूरा मामला
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राजस्थान चुनाव में मतदान के दौरान EVM ने भी बनाए नए रिकॉर्ड, जानिए पूरा मामला

इस बार शहरी मतदाताओं से ज्यादा ग्रामीण मतदाताओं ने इस लोकतंत्र के महापर्व में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. हालांकि कुछ जगहों पर ईवीएम वोटरों के लिए 'विलेन' बन गई.

ईवीएम मशीनों के खराब होने वाली खबरों ने पिछले चुनावों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए.

दीपक गोयल/जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान की प्रक्रिया सुबह आठ बजे शुरू हुई जो शाम पांच बजे तक जारी रही. हालांकि प्रदेश में मतदान प्रकिया रफ्तार धीमी रही लेकिन दिन चढ़ते ही विधानसभा चुनाव में मतदान को लेकर लोगो का उत्साह नजर आने लगा. वहीं इस बार शहरी मतदाताओं से ज्यादा ग्रामीण मतदाताओं ने इस लोकतंत्र के महापर्व में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. हालांकि कुछ जगहों पर ईवीएम वोटरों के लिए 'विलेन' बन गई.

राजस्थान चुनाव में जहां एक ओर जनता ने मतदान के पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए वहीं ईवीएम मशीनों के खराब होने वाली खबरों ने पिछले चुनाव के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. लोकतंत्र के उत्सव में ईवीएम मशीनों ने भी मतदाताओं के जुनून का खबू इम्तिहान लिया. जिले में इस बार वोटिंग के साथ ही ईवीएम की खामियों ने भी पिछले रिकॉर्ड तोड़े. जिले में पहली बार ऐसा हुआ की पोलिंग बूथों पर 178 मशीनों की खराबी के कारण मतदान बाधित हुआ.

सांगानेर, हवामहल, झोटवाड़ा और चौमूं विधानसभा क्षेत्र में आई ईवीएम में सबसे ज्यादा तकनीकी खराबी आई. लोग मतदान केन्द्र पर पहुंचें तो लेकिन सुबह के एक घंटे में जयपुर के 19 विधानसभा क्षेत्रों के अलग-अलग बूथ केन्द्रों पर ईवीएम मशीनों में गड़बडिय़ां देखने को मिली. जिसके चलते लोगों ने नाराजगी भी जाहिर की. जिसके बाद जयपुर वोटिंग कंट्रोल रूम में आमजन ने भी फोन कर शिकायत दर्ज करवाई.

वहीं मालवीय नगर, दूदू, भांकरोटा, मानसरोवर, आदर्श नगर, करधनी, हवामहल, सिविल लाइन सहित दो दर्जन से अधिक बूथों यह समस्याएं आई. दर्जनभर बूथ तो ऐसे भी रहे जहां आधा घंटे से लेकर डेढ़ घंटे वोटिंग न होने से मतदाताओं को लंबा इंतजार करना पड़ा. कुछ तो मायूस होकर घर लौट गए. वोटरों के लिए ईवीएम 'विलेन' बनी रहीं.

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खबर के मुताबिक निर्वाचन कंट्रोल रूम, पुलिस कंट्रोल रूम, जोनल मजिस्ट्रेट, सेक्टर मजिस्ट्रेट, एसडीएम सहित सभी चुनावी दफ्तरों में सुबह से लेकर शाम तक मशीनों की खामियों को लेकर शिकायतों का सिलसिला चलता रहा. वहीं इन खामियों ने लोकतंत्र के उत्सव में सरकारी तंत्र के इंतजामों की पोल भी खोल दी. ऑनलाइन वोटर आईडी, वेब कास्टिंग, डिजिटल कवरेज जैसी हाईटेक वोटिंग के बीच इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों की मेंटेनेंस और निगरानी में सरकारी मशीनरी काफी पिछड़ गई. वहीं खबरों की मानें तो सिर्फ जयपुर कलेक्ट्रेट में बने कंट्रोल रूम में 4636 बूथों की शिकायत सुनने के लिए सिर्फ 4 कर्मचारी ही मौजूद थे. 

बता दें कि शुक्रवार को राज्य की 200 विधानसभा सीटों में से 199 पर मतदान हुआ. बसपा के उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह के निधन की वजह से अलवर जिले के रामगढ़ निर्वाचन क्षेत्र में मतदान स्थगित कर दिया गया था. मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच रहा. लगभग 4.74 करोड़ लोग 2,274 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला किया. इन 2,274 उम्मीदवारों में से 189 महिलाएं हैं. चुनाव का परिणामों के लिए 11 दिसंबर को मतगणना की जाएगी. 

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