Sawai Madhopur में JJ एक्ट का बना 'मजाक', बाल कल्याण समिति ने पुलिस को भेजा नोटिस
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Sawai Madhopur में JJ एक्ट का बना 'मजाक', बाल कल्याण समिति ने पुलिस को भेजा नोटिस

चाइल्ड लाइन टीम ने बच्चों को सुरक्षित स्थान पर लेजाकर परामर्श करने एवं सवाईमाधोपुर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करने की बात कही, लेकिन पुलिस ने चाइल्डलाइन टीम की बातों को अनुसना कर दिया. 

सवाई माधोपुर में पुलिस ने जेजे एक्ट का बनाया 'मजाक'. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Sawai Madhopur: सवाईमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर गुरुवार को पुलिस द्वारा ही जेजे एक्ट की जमकर धज्जियां उडाई गयी. ट्रेन से रेस्क्यू किये गए बच्चो को लेकर कानून के रक्षक पुलिस वाले ही नियम कायदों को भूल गए और खाकी ने ही बच्चो को मजाक बना दिया. दरअसल, ​गुरुवार को राजेंद्र नगर अजमेर स्पेशल जियारत एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 023955 में बड़ी संख्या में बाल श्रमिकों को जयपुर ले जाने की सूचना रेलवे पुलिस को मिली थी.

सूचना मिलने पर सवाई माधोपुर जीआरपी, आरपीएफ के साथ ही जिला पुलिस के अधिकारी मौके पर सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पहुंच गए और रेलवे स्टेशन को छावनी में तब्दील कर दिया गया. ट्रेन के सवाई माधोपुर पहुंचने पर 42 बच्चों को रेस्क्यू किया गया. इसी क्रम में सभी बच्चों को ट्रेन से उतार कर प्लेटफार्म पर भीषण गर्मी में धूप में ही बिठा दिया.

करीबन आधा घन्टे तक बच्चे तेज धूप में बैठे रहे और फिर सभी बच्चों को उसी ट्रेन के लगेज के डिब्बे में बिठाकर जयुपर भेज दिया गया. जानकारी के अनुसार, जीआरपी के राजवीर सिंह को जियारत एक्सप्रेस ट्रेन में बाल  श्रमिकों के होने की सूचना मिली थी. सूचना पर जीआरपी द्वारा ट्रेन में तलाश ली गई तो 42 बच्चे ट्रेन में मिले, जिन्हें काम करवाने के लिए जयुपर ले जाया जा रहा था.

जीआरपी इंचार्ज राजवीर सिंह ने उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. जानकारी मिलने पर सवाईमाधोपुर पुलिस उपाधीक्षक नारायण लाल तिवारी, मानटाउन थानाधिकारी कुसुमलता भारी पुलिस दल के साथ रेलवे स्टेशन पहुंचे गये. वहीं, आरपीएफ एवं जीआरपी का जाब्ता पहले से ही रेलवे स्टेशन पर मौजूद था. जियारत एक्सप्रेस के स्टेशन पर आने के बाद जीआरपी इंचार्ज राजवीर सिंह के कहने पर सभी बच्चों को रेस्क्यू कर ट्रेन से नीचे उतार कर प्लेटफार्म पर भीषण गर्मी के बीच धूप में बैठा दिया गया.

इस दौरान करीब आधा घंटे तक बच्चें कड़ी धूप में बैठे रहे और उसके बाद उन्हे उसी ट्रेन के लगेज के डिब्बे में बच्चों को बैठ दिया गया. जिस डिब्बे में सामान समान रखा जाता है उसी में बच्चो को बैठा दिया गया. डिब्बे में न पंखा न लाइट और ना ही लेट बाथ था और सभी बच्चों को जयुपुर भिजवाया दिया गया. यह अमानवीय कृत कानून के रखवालों ने खुद किया . 

वहीं, दूसरी ओर सूचना पर चाइल्ड लाइन टीम भी स्टेशन पर पहुंची. ट्रेन से बालकों को रेस्क्यू कर पुलिस ने प्लेटफार्म पर बिठा दिया था. चाइल्ड लाइन टीम ने बच्चों को सुरक्षित स्थान पर लेजाकर परामर्श करने एवं सवाईमाधोपुर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करने की बात कही, लेकिन पुलिस ने चाइल्डलाइन टीम की बातों को अनुसना कर दिया. इस पर चाइल्डलाइन ने बाल कल्याण समिति, बाल अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को बाल श्रमिकों के रेसक्यू करने की जानकारी दी. सूचना पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्वेता गर्ग, सदस्य अंकुर गर्ग एंव महिला सदस्य ज्योति शर्मा मौके पर रेलवे स्टेशन पहुंचे .

बाल कल्याण समिति अध्यक्षा श्वेता गर्ग, सदस्य अंकुर गर्ग एवं ज्योति शर्मा ने सभी बच्चों को समिति के समक्ष पेश करने के आदेश दिए गए. लेकिन जीआरपी, आरपीएफ व स्थानीय पुलिस ने बाल कल्याण समिति के आदेशों की कोई परवाह नहीं की. जीआरपी इंचार्च राजवीर सिंह ने समिति के आदेशों को अनुसना कर दिया और अपने उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार ट्रेन से रेस्क्यू किए गए सभी 42 बच्चों को उसी ट्रेन के लगेज के डिब्बे में बिठाकर बच्चों के साथ जयुपर रवाना हो गए. 

फिलहाल मामले ने सवाई माधोपुर बाल कल्याण समिति ने संज्ञान लेते हुए जीआरपी इंचार्ज गंगापुर सिटी को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब तलब किया है.

(इनपुट-अरविंद सिंह)

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