Bhilwara: भीलवाड़ा जिले के फूलिया कलां थाना क्षेत्र के पनोतिया गांव  में एक महीने की मासूम को जुकाम होने पर  उसकी ही मां ने उसे  भोपे से लोहे की गर्म सलाखों से डाग लगवाने का मामला सामने आया है.  जिसके बाद मासूम की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई.  मासूम की हाल को गंभीर होता देख उसे तुरंत महात्मा गांधी हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती करवाया. जहां वह जिंदगी और मौत से लड़ रही है.


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मासूम के पेट पर गर्म सलाख से  दागा
मिली जानकारी के अनुसार  घटना फूलिया कला थाना क्षेत्र के पनोतिया गांव में सोनिया अपनी एक महीने की बेटी के साथ रहती है. सोनिया का पति रामदास बाहर रहता है. पांच दिन पहले सोनिया की बेटी को जुकाम और निमोनिया की शिकायत हुई थी. इसके चलते सोनिया ने बेटी को हॉस्पिटल ले जाने के बजाय गांव के ही एक भोपे के पास ले गई. वहां भोपे ने मासूम के पेट पर गर्म सलाख से डाम लगा दिया. इसके बाद बच्ची की तबीयत और ज्यादा खराब हो गई.


जिंदगी  और मौत के बीच झूलती बच्ची की सांसे
वहीं दूसरी तरफ बच्ची की तबीयत  ज्यादा खराब  होते देख शुक्रवार को सोनिया अपनी मौसी सास के साथ बच्ची को लेकर शाहपुरा हॉस्पिटल पहुंची. बच्ची की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे भीलवाड़ा मुख्यालय पर महात्मा गांधी हॉस्पिटल रेफर कर दिया. जहां  पिछले 24 घंटे से बच्ची आईसीयू वार्ड में जिंदगी मौत से लड़ रही है.


आपको बता दे की भीलवाड़ा में अंधविश्वास के नाम पर मासूम को डाम लगाने का यह पहला मामला नहीं है. हर साल  ऐसे कई मामले मासूमों को डाम लगाने के सामने आते रहे है. जिनके कारण 20 से 30 मासूम गंभीर हालत में महात्मा गांधी हॉस्पिटल लाए जाते है. वहीं अगर आंकड़ों की  बात करे तो अब तक 6 से ज्यादा न मासूम इस अंधविश्वास की भेंट भी चढ़ चुके है, लेकिन बच्चो के कल्याण के लिए काम करने वाली संस्थान इस और कोई ढोस कदम नहीं उठा पा रही है.


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