Jhajpur, Bhilwara :सुसाइड नोट में मृतक ने लिखा कि मैं मेरी मर्जी से आत्महत्या कर रहा हूं. इसमें किसी का दोष नहीं है दोनों पुत्र और पुत्रवधू की कोई गलती नहीं है.आप एक काम करना कि मम्मी जी बहुत ध्यान रखना.
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Jhajpur, Bhilwara : सवाईपुर तहसील मुख्यालय के नेशनल हाईवे 758 पर पूजा होटल के पास जंगल में आज सुबह ग्रामीणों ने एक अधेड़ का शव बबूल के पेड़ पर लटका हुआ देखा. इससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई. ग्रामीणों ने सूचना पुलिस को दी. सुचना पर बड़लियास थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर शव की तलाशी ली. तो पेट की जेब में सुसाइड नोट मिला. पुलिस ने परिजनों को इसकी सूचना दी. परिजन मौके पर पहुंचे.
थाना प्रभारी शिवचरण ने बताया आज सुबह ग्रामीणों की सूचना मिली की पूजा होटल के पास जंगल में एक अधेड़ की लाश बबूल के पेड़ पर लटकी हुई है. सूचना पर मय जाब्ता मौके पर पहुंचे. वही शव की तलाशी ली. इस पर मृतक की पेंट की जेब से एक सुसाइड नोट व आवश्यक दस्तावेज मिले. सुसाइड नोट में मृतक ने लिखा कि मैं मेरी मर्जी से आत्महत्या कर रहा हूं. इसमें किसी का दोष नहीं है दोनों पुत्र और पुत्रवधू की कोई गलती नहीं है.आप एक काम करना कि मम्मी जी बहुत ध्यान रखना.
वहीं जेब से मिले आधार कार्ड से शव की पहचान रतनलाल पिता फॉजमल चपलोत उम्र 55 वर्ष निवासी कुमुद विहार. शास्त्री नगर भीलवाड़ा के रूप में हुई मृतक की पहचान. मृतक की हमीरगढ़ में कपड़ा की दुकान है. सूचना पर मृतक के दोनों पुत्र पहुंचे. वही परिवारजनों से मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह घूमने की बात कहकर घर से स्कूटी लेकर निकले थे. स्कूटी घटनास्थल के पास हाईवे पर एक चाय दुकान पर खड़ी थी. घटना की सूचना मिलते पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई.
परिजनों के आने के बाद पुलिस शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए आकोला चिकित्सालय ले गई. जहां डॉक्टर छुट्टी पर होने के चलते बना कर दिया. वहीं इसके बाद पुलिस शव को बड़लियास चिकित्सालय लेकर गई. जहां डॉक्टर ने बना करते हुए. मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करने की बात लिखकर कोटड़ी भेज दिया. पुलिस फिर शव को बड़लियास से कोटड़ी चिकित्सालय लेकर गई. वही सवाईपुर चिकित्सालय में मोर्चरी व पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के चलते आए दिन सड़क दुर्घटना व अन्य कारणों में मृत्यु होने पर पुलिस को शव को जिला मुख्यालय या कोटड़ी चिकित्सालय लेजाकर पोस्टमॉर्टम करवाना पड़ता है. वहीं अब कोटडी शाहपुरा जिले में आ गई अगर ऐसे में कोटड़ी वाले भी मना करने देते हैं तो शव को भीलवाड़ा जिला चिकित्सालय लेकर जाना पड़ता है. जो बड़लियास से करीब 40 किलोमीटर दूर पड़ता है. ऐसे में मृतक के परिजनों व पुलिस को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
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