भीलवाड़ा: सवाईराम सिंह रावणा राजपूत का निधन, पशु-पक्षी सहित पर्यावरण प्रेमी में शोक की लहर
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भीलवाड़ा: सवाईराम सिंह रावणा राजपूत का निधन, पशु-पक्षी सहित पर्यावरण प्रेमी में शोक की लहर

सवाईराम सिंह रावणा राजपूत ने अपना जीवन सिर्फ पौधे लगाने में नही बल्कि उन पौधों की अपने बच्चों की तरह देखभाल करने में ही व्यतीत किया है.

उनके निधन से ना केवल सवाईपुर क्षेत्र बल्कि पूरे जिले को एक अभूतपूर्व क्षति हुई है

भीलवाड़ा: पर्यावरण प्रेमी व समाज सेवक सवाईराम सिंह रावणा राजपूत का आज 81 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने पेड़ पौधों को अपने बच्चों की तरह पालने और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को हर व्यक्ति को समझाने में अपना जीवन व्यतीत कर दिया. उनके निधन से ना केवल सवाईपुर क्षेत्र बल्कि पूरे जिले को एक अभूतपूर्व क्षति हुई है

बच्चों की तरह पेड़ों की करती थे देखभाल
सवाईराम सिंह रावणा राजपूत ने अपना जीवन सिर्फ पौधे लगाने में नही बल्कि उन पौधों की अपने बच्चों की तरह देखभाल करने में ही व्यतीत किया है. बुधवार सुबह 5:00 बजे पर्यावरण प्रेमी सवाईराम ने अंतिम सांस ली. उनके निधन होने से पशु-पक्षियों व पर्यावरण प्रेमियों में शोक की लहर छा गई. उनकी दिनचर्या प्रातः 4:00 मोहल्ले से निकलने वाले प्रभारी से प्रारंभ होकर पेड़ पौधों की देखभाल, भजन कीर्तन तक हुआ करती थी.

'पेड़ पौधे हमारी याद को जिंदा रखेंगे'
उन्होंने यही संदेश दिया कि साथ कुछ नहीं जाएगा पेड़-पौधे हमारी याद को जिंदा रखेंगे. यही पुण्य का काम है यही प्रभु का नाम है. सवाईराम ने अपने जीवन में सैकड़ों पौधे लगाए. जैसे ही उनके निधन की सूचना आसपास के क्षेत्र में मिली तो उन की शव यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए. शव यात्रा उनके निवास स्थान से प्रारंभ होकर 2 किलोमीटर दूर कोठारी नदी में बने मोक्ष धाम में पहुंची.

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लोगों ने सवाईराम को किया याद
यहां भी अंतिम संस्कार में पहुंचे लोगों में उनके द्वारा लगाए गए पौधों को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी. उन्होने हमेशा यह कहा था कि उनके जाने के बाद यह पौधे उनकी याद दिलाएंगे और आज उनके अंतिम संस्कार के दौरान भी उन्हें उनके कार्यों की वजह से ही याद किया जा रहा है. गांव के लोगों ने उनके द्वारा लगाए गए पौधों के संरक्षण की शपथ भी ली. साथ ही पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उनके बताए मार्ग पर चलते हुए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने उनका संरक्षण करने की बात कही.

रिपोर्ट: दिनेश पारीक

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