नवग्रह आश्रम ने लंपी की रोकथाम के लिए 27 हजार दवा के पैकेट बांटे
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नवग्रह आश्रम ने लंपी की रोकथाम के लिए 27 हजार दवा के पैकेट बांटे

मोतीबोर का खेड़ा स्थित आश्रम सेवा संस्थान द्वारा संचालित गौशाला ने देश में गायों में फेल रही लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए रिसर्च टीम द्वारा तैयार आयुर्वेद मिश्रण से दवा को तैयार कराया है. इस दवा का गायों के उपचार के लिए निःशुल्क ही वितरण किया जा रहा है.

नवग्रह आश्रम ने लंपी की रोकथाम के लिए  27 हजार दवा के पैकेट बांटे

भीलवाड़ा: मोतीबोर का खेड़ा स्थित आश्रम सेवा संस्थान द्वारा संचालित गौशाला ने देश में गायों में फेल रही लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए रिसर्च टीम द्वारा तैयार आयुर्वेद मिश्रण से दवा को तैयार कराया है. इस दवा का गायों के उपचार के लिए निःशुल्क ही वितरण किया जा रहा है. एक सप्ताह में ही 27 हजार से ज्यादा दवा के पैकेट वितरित किए गए हैं. इसमें 7 हजार पैकेट तो भीलवाड़ा डेयरी के मार्फत पशुपालकों तक पहुंचाये गये है.दवा का वितरण नवग्रह आश्रम से ही किया जा रहा है.कोई भी पशुपालक वहां पहुंच कर इसे प्राप्त कर सकता है.एक पशु को केवल तीन दिन तक डोज देने के काफी अच्छे परिणाम सामने आ रहे है तथा पशुओं की मरने की संख्या को रोका जा रहा है.

संस्थान के संस्थापक ने बताया कि आयुर्वेद की रिसर्च टीम ने सरकार की गाइड लाइन के आधार पर आयुर्वेद मिश्रण से दवा तैयार की है. इसमें मुख्य रूप से आंवला, गिलोय, काली मिर्च, हल्दी, सनाय की पत्तियां, अश्वगंधा, नीम की पत्तियां, कालमेघ, श्याम तुलसी, सेंधा नमक, कालीजीरी को शामिल कर 300 ग्राम का दवा का पैकेट तैयार किया है. इसमें सभी घटक समान मात्रा में लिए गए है. इस मिश्रण को 500 ग्राम गुड में मिलाकर उसके 6 लड्डू या तरल बनाकर लंपी रोग से पीड़ित गाय को खिलाना है. सुबह शाम दिन में दो खुराक देने पर तीसरे दिन रोग खत्म होते दिख रहा है. राजस्व मंत्री रामलाल जाट के अनुरोध पर डेयरी को ये दवा के पैकेट दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि यह उपचार वैसा ही है जैसा कोरोना के समय इंसान ने आयुर्वेदिक पद्धति से अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई थी. 

उन्होंने बताया कि गाय को जब यह लड्डू खिला रहे हैं तो वह भी अच्छे से खा रही है. इसके साथ ही जब मवेशी को तेज बुखार हो, लिम्फ ग्रंथियों में सूजन हो, मुंह से बहुत लार आ रहा हो, नाक व आँख से जलन करने वाला पानी आ रहा हो और मवेशी के शरीर पर कई अंगों में बड़े घाव हो जिसमें से मवाद आ रहा हो तब पशु के आस पास धुंआ करना चाहिए.बीमार पशु को नीम, कपूर, स्वस्थ्य गाय के गौमूत्र से नहलाना चाहिए.इसी मिश्रण में फिनाईल डाल कर गौशाला व वहां के परिसर को धोना चाहिए.यह वायरस संक्रमण रोकने की एक महत्वपूर्ण औषधि है.

आश्रम द्वारातैयार करायी गयी दवा के अच्छे परिणाम सामने आये है.यह दवा आश्रम बिलकुल निःशुल्क ही दे रहा है.शुरूआत में गांव गांव पहुंच कर दवा दी पर डिमांड ज्यादा आने से अब केवल आश्रम पहुंचने वाले पशुपालकों को ही दे पा रहे है.दवा बनाने व पैकिंग में समय लगने के कारण बाहर जाकर वितरण नहीं हो पा रहा है.

यह भी रखे सावधानी
आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष हंसराज चौधरी ने बताया कि लंपी की रोकथाम के लिए पशुपालक को यह भी सावधानियां रखनी चाहिए. गायें जहां रखी जाती है वो परिसर एकदम साफ सुथरा रखा जाए. बीमार पशु को नीम, कपूर, स्वस्थ्य गाय के गौमूत्र से नहलाना चाहिए. इसी मिश्रण में फिनाईल डाल कर गौशाला व वहां के परिसर को धोना चाहिए. बीमार गाय को एक तरफ करके उसे आईसोलेटेड कर दिया जाना चाहिए. परिसर में धुआं किया जाए ताकि मक्खी व मच्छर न हो.गायों के लिए पंखे लगा कर हवा का इंतजाम भी होने चाहिए.

Reporter- Dilshad khan

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