पतंग तो आपने कई तरह की देखी और उड़ाई होगी, लेकिन क्या आपने कभी 1 एमएम की पतंग देखी है, वो भी ऊँट की खाल पर सोने कि नक़्क़ाशी वाली, अगर नहीं तो आज हम आपको दिखाते और बताते है. सबसे छोटी पतंग के बारे में. जिसे राजस्थान की बीकानेर की विश्व प्रसिद्ध उस्ता कला का बेजोड़ नमूना कहा जा सकता है.
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Bikaner News : राजस्थान के बीकानेर के 535 वें स्थापना दिवस पर पतंग उड़ाने का रिवाज है. यहाँ के राजा महाराजाओं ने स्थापना के वक्त गोल चंदा पतंग उड़ाकर बीकानेर की इस परंपरा की शुरुआत की थी. जिस आज भी यहां के लोग निभाते आ रहे हैं.
लेकिन इन सब के बीच कुछ कलाकार इस महोत्सव और स्थापना दिवस को अपनी कला से यादगार बना रहे हैं. बीकानेर के रहने वाले शौकत उस्ता ने ऊट की खाल पर होने वाली सोने की नक़्क़ाशी वाली उस्ता कला का बेजोड़ नमूना बनाकर सभी को हैरान कर दिया है.
शौक़त ने 1 MM की दुनिया की सबसे छोटी पतंग जिस पर 22 कैरेट गोल्ड से नक्काशी करके सब को चौंका दिया है. वहीं पतंग के दूसरी तरफ स्थापना दिवस लिखा गया. जिसे लेंस के जरिए देखा जा सकता है.
कलाकार शौकत उस्ता ने बताया कि इस कला का ज्ञान मोहम्मद हनीक उस्ता से लिया है, जो पीढ़ी दर -पीढ़ी चली आ रही है. शौकत उस्ता इस कला को संजो के रखते आ रहे हैं और वो वक्त के साथ सरकारी और गैर सरकारी प्रशिक्षण दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बीकानेर के युवा बहुत प्रतिभाशाली हैं वही कुछ अलग कर गुजरने की सोच के चलते उन्होंने ये पतंग बना दी . इसके अलावा दूसरी पतंग 21 X 21 सेंटीमीटर की बनाई गई है. इसके दोनों तरफ उस्ता कला नक्काशी 22 कैरेट गोल्ड से तैयारी की गई है, जिसके एक ओर देशनोक की करणीमाता का चित्र और जुनागढ़ किला बनाया गया. वहीं, दूसरी ओर राजस्थान की शान ऊंट बना है. साथ ही दोनों पतंगों पर धागे से कनिया भी लगाई गई.
इन दिनों ये पतंग बीकानेर में एक विश्व प्रदर्शनी में भी दिखाई जा रही है, जिसे देखने के लिए लोगो में बेहद उत्साह देखने की मिल रहा है. वही उस्ता अपने परिवार को भी उस्ता कला का ज्ञान दे रहे हैं, ताकि ये अनोखी कला आगे बढ़े और बीकानेर कि पहचान बनी रहें.