डूंगला के सरकारी अस्पताल में नहीं मिल रहीं लोगों को सुविधाएं, छत गिरी तो लगा दिया ताला
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1624129

डूंगला के सरकारी अस्पताल में नहीं मिल रहीं लोगों को सुविधाएं, छत गिरी तो लगा दिया ताला

Chittorgarh News: डूंगला उपखण्ड का मुख्य सरकारी स्वास्थ केन्द्र कि बिल्डिंग के कमरों कि छत गिरने लगी. जिसकी वजह से बिल्डिंग पर ताला लगा दिया गया है. जानकारी देते हुए चिकित्सा अधिकारी माधव सिंह ने बताया कि स्वास्थ केन्द्र में एसा कोई रुम नहीं बचा, जो उसकी छत टूटी हुई नहीं है. 

 

डूंगला के सरकारी अस्पताल में नहीं मिल रहीं लोगों  को सुविधाएं, छत गिरी तो लगा दिया ताला

Chittorgarh, Badi Sadri: डूंगला उपखण्ड का मुख्य सरकारी स्वास्थ केन्द्र कि बिल्डिंग के कमरों कि छत गिरने लगी. जिसकी वजह से बिल्डिंग पर ताला लगा दिया गया है. जानकारी देते हुए चिकित्सा अधिकारी माधव सिंह ने बताया कि स्वास्थ केन्द्र में एसा कोई रुम नहीं बचा, जो उसकी छत टूटी हुई नहीं है. या फिर कमरों के दीवार से प्लास्टर गिर हुआ नहीं है. और तो और और ऑपरेशन रूम में भी छत गिरी हुई है.

ऐसी स्थिति में मरीजों का इलाज के किया जा सकता है मरिजो को भी काफी परेशानीयो का सामना करना पड़ रहा है इस स्वास्थ केन्द्र में मरीजों को रहने के लिए फिलहाल कुछ चिकित्सा क्वाटर में इलाज रखना पड़ रहा है. मरीजों का इलाज इस स्थिति में करना पड़ता है कि इस समस्याए पर स्वास्थ विभाग उपखण्ड अधिकारी पंचायत का ध्यान नहीं जा रहे है.

हॉस्पिटल द्वारा कई बार कि गई शिकायत मगर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. विभागों की ओर प्रशासन कि ऐसी लापरवाही हो रही है कि मरीजों को कहीं सारी प्रकार कि परेशानीया उठानी पड़ रही है. यही बात खत्म नहीं होती. डूंगला क्षेत्र के मंगलवाड़ स्वास्थ्य केंद्र कि तो वहां पर भी किसी प्रकार कि सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. जैसे स्टाप क्वाटर खंडर बना हुआ क्वाटर में स्टाप नहीं कबूतर रहते है. 

बात करें तो एक्सरे मशिी या कई प्रकार कि मेडिसिन बहार से लेकर आना पड़ता है. यहां कई सुविधाएं नहीं हैं, ऐसे में मरीजों को कभी डूंगला तो कभी मंगलवाड़ तो उदयपुर या चित्तौड़गढ़ जाना पड़ता. ऐसी लापरवाही बरती जा रही है.  लेकिन इस समस्याओं पर किसी सरकारी अधिकारी का ध्यान नहीं जाता. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सुनने वाला कौन है. सरकार भी अपनी आंखों पर पट्टी बांधे बैठी हुई है. 

यहां तो पूरे उपखण्ड कि हालत ऐसी ही बनी हुई है, और बात करें यहां के विधायक कि तो उनका भी इस पर कोई ध्यान नहीं. इस समस्याए का समाधान आखिर कौन करेगा. लोगों को ऐसे ही यहां वहां धका मुका खाना पड़ता रहेगा.  डूंगला क्षेत्र के जितने भी सरकारी स्वास्थ केन्द्र है उनसे लोगों का भरोसा उटने गया है. लोगों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों से तो अच्छी सर्विस वर्तमान में प्रराइवेट अस्पताल वाले दे रहे हैं. सरकारी अस्पताल तो सिर्फ नाम के लिए बन गया है.

यह भी पढ़ें...

डूंगरपुर में नाबालिग लड़की से दोस्ती कर गुजरात ले गया, 4 महीने तक किया दुष्कर्म, अब खुलासा

Trending news