न्यायिक कर्मचारी की हत्या को लेकर विरोध, चित्तौड़गढ़ के न्यायिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर
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न्यायिक कर्मचारी की हत्या को लेकर विरोध, चित्तौड़गढ़ के न्यायिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर

न्यायिक कर्मचारी की हत्या के विरोध में चित्तौड़गढ़ जिले के सभी न्यायिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर हैं. इसके लिए सीबीआई जांच की मांग कर राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है. 

 

न्यायिक कर्मचारी की हत्या को लेकर विरोध, चित्तौड़गढ़ के न्यायिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर

Chittorgarh News: जयपुर में हुई न्यायिक कर्मचारी की हत्या के विरोध में राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ राजस्थान के आव्हान पर गुरुवार को संघ की चित्तौड़गढ़ शाखा के बैनर तले जिले के सभी न्यायिक कर्मचारी अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं. सामूहिक अवकाश पर रहते हुए न्यायिक कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय पर कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और कलेक्टर अरविंद पोसवाल को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा. 

कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में मृतक सुभाष मेहरा के परिवार की ओर से प्रस्तुत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की गई है. साथ ही, दोषी संबंधित पीठासीन अधिकारी एनडीपीएस न्यायाधीश के. एस. चलाना के विरुद्ध विभागीय जांच के आदेश देने की मांग है. प्रमुख न्यायिक कर्मचारियों का आरोप है कि न्यायाधीश का परिवार मृतक को परेशान करता था, जिससे तंग आकर वह न्यायाधीश के घर पर काम करने नहीं जा रहा था. 

न्यायाधीश ने पद का दुरुपयोग करते हुए पहले तो कर्मचारी को उठवाया फिर संभवतया कर्मचारी के विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी, जिस पर न्यायिक कर्मचारी संघ ने मृतक सुभाष मेहरा की हत्या की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है. 

कर्मचारियों का यह भी आरोप है कि मृतक न्यायिक कर्मचारी सुभाष की हत्या के बाद संबंधित साक्ष्य को नष्ट कर सुभाष की मोबाइल सिम को भी गायब कर दिया गया है, जिस पर संबंधित अधिकारी और उसके परिजनों की सुभाष मेहरा के साथ हुई बातचीत की कॉल डिटेल निकलवाई जाए. 

कर्मचारियों ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बंगले की ड्यूटी से मुक्त करवाने की मांग की है. साथ ही, मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा राशि एवं परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दिलाने की मांग की है. 

Reporter- Deepak Vyas 

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