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चित्तौड़गढ़: गंगरार कस्बे में कुएं में मिली एक युवक की लाश के मामले में गंगरार थाना पुलिस ने खुलासा करते हुए मृतक की बहन सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं, एक बाल अपचारी को डिटेन किया है. मृतक की बहन ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर की थी सगे भाई की हत्या. मृतक उसकी बहन की शादी अपनी बिरादरी में करवाना चाहता था, जबकि आरोपी बहन अपनी पसंद से प्रेमी के साथ जाना चाहती थी. आरोपियों ने दृश्यम फ़िल्म देखकर हत्या करने का षड्यंत्र रचा.
पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि गंगरार कस्बे में 5 दिसम्बर को हनुमान मन्दिर के पीछे की तरफ, किले के नीचे, पहाड़ी के ढलान में करीब 150-200 फीट नीचे कुएं में अज्ञात व्यक्ति की हत्या कर बिना सिर का धड़ मिलने से हड़कंप मच गया था. सोशल मीडिया के माध्यम से अज्ञात मृतक की शिनाख्त हुई. मृतक की पहचान मध्यप्रदेश के मन्दसौर जिले के थाना गरोठ का रहने वाल महेन्द्र रायका के रूप में हुई थी. महेन्द्र रायका अपने ननिहाल गंगरार में आया था, मृतक महेन्द्र भाटखेड़ा गांव में ननिहाल आया था. जहां मृतक की मां आजोदिया बाई व उसकी बहन तनू उर्फ तनिष्का दो साल से रह रही है. महेंद्र के मामा शान्तिलाल रायका ने गंगरार थाने में हत्या और सबूत मिटाने समेत कई मामलों में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.
मामा के यहां रहती थी लड़की, उसी गांव के लड़के से कर रही थी मोहब्बत
पुलिस ने पहले मृतक की बहन से पूछताछ शुरू की. जिसके बाद मामला खुलता चला गया. दरअसल, मृतक की बहन का इसी गांव के महावीर धोबी नाम के युवक से प्रेम चल रहा है. वह दोनों एक दूसरे से शादी करना चाह रहे हैं. महावीर धोबी का तनू के घर पर आना जाना है, पुलिस ने महावीर धोबी की गतिविधीयों पर नजर रख गम्भीरता से जांच-पडताल शुरू की. महावीर की भूमिका संदिग्ध मिलने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर किया जिसमें उसने तनिष्का के साथ मिलकर हत्या की बात कबूल की.
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कबूल की वारदात
गिरफ्तार आरोपी महावीर धोबी ने बताया की भाटखेड़ा की रहने वाली तनू रायका से उसकी मुलाकात तीन साल पहले हुई थी, वह अपनी मं व छोटी बहिन एवं भाई के साथ भाटखेडा में रहती थी. हमारे दोनों के बीच मोबाइल फोन पर बातचीत शुरू हुई और फिर एक दूसरे के साथ रहने का मन बना लिया. इसी बीच तनू की छोटी बहन ने हमे राखी बांधी, फिर उसके घर आना जाना शुरू हो गया. गहरी दोस्ती होने के बाद तनू से मैंने 40, 000 हजार रुपये उधार लिए . जिसकी जानकारी उसके भाई महेन्द्र को चल गई, जो मेरे से आई दिन पैसों की मांग करने लग गया. इसी दौरान महेन्द्र व उसकी बहन तनू की सगाई उज्जैन की तरफ कर दी. इस पर तनू ने मेरे को बताया की वह वहां शादी नहीं करना चाहती. जिसपर मैंने और तनू ने प्लान बनाया कि महेन्द्र को अब रास्ते से हटाने का समय आ गया है. फिर 16 नवम्बर को मैंने अपने साथियों के साथ मिलकर महेन्द्र रायका की हत्या कर दी. आरोपी महावीर और तनू ने बताया कि वह दृश्यम फिल्म देखने के बाद हत्या का प्लान बनाया.
मृतक का मोबाइल लेकर मंदसौर रेलवे स्टेशन के पास छोड़ आया आरोपी
प्लान के अनुसार पुलिस से बचने व पुलिस को गुमराह करने के लिए मृतक महेन्द्र रायका का मोबाइईल फोन को बन्द कर दिया और 21 नवम्बर को महावीर धोबी द्वारा स्वयं के मोबाइल को गंगरार में ही रख कर मृतक महेन्द्र रायका के मोबाइल को लेकर रेलवे स्टेशन चितौडगढ़ से ट्रेन में बैठकर मन्दसौर पहुंचा. मन्दसौर के महाराणा प्रताप सर्किल के पास मोबाइल को चालू किया व चालू करने के बाद योजना अनुसार तनू ने महेन्द्र रायका के फोन पर कॉल किया जिसको महावीर धोबी ने कॉल उठाया. वहां से फोन को रोड के किनारे पर डालकर महावीर धोबी ट्रेन में बैठकर गंगरार आ गया. तनू ने अपनी मां व छोटी बहन को गुमराह करने के बोला कि 21 नवम्बर को मेरी भाई महेन्द्र से बात हुई है. मन्दसौर की तरफ गाड़ी पर है.
सबूत मिटाने के लिए आरोपी ने किया ये काम
इतना ही नहीं महावीर धोबी ने कुएं से मिले शव में पुलिस को सहयोग भी करने लगा. पुलिस जब मृतक के हाथ पर कुछ लिखा देख रही थी. पुलिस को कमलेश रायका लिखा दिखा, लेकिन महावीर ने झट से बोला कि नहीं महेंद्र रायका लिखा है, जिसपर पुलिस को शक हुआ और पुलिस ने महावीर के खिलाफ जांच तेज कर दी. जांच पड़ताल शुरू होते ही पूरा मामला साफ हो गया.