गरीब की थाली से दूर हो रही हरी सब्जियां? बढ़ते दामों से जनता परेशान
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गरीब की थाली से दूर हो रही हरी सब्जियां? बढ़ते दामों से जनता परेशान

इन दिनों ना सिर्फ सब्जी के भाव भी बढ़ गए हैं बल्कि रसोई का बजट भी गड़बड़ा गया है. गैस सिलेंडर हजार रुपए के आसपास मिल रहा है. वहीं तेल और मसालों में भी भारी तेजी आई है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Sardarshahr: कुछ वर्षों पहले एक फिल्म आई थी पीपली लाइव. उसका एक गाना बहुत ही फेमस हुआ था, 'सखी संया तो खूब ही कमात है महंगाई डायन खाय जात है' और यह गाना आज के समय में सार्थक होता हुआ दिखाई दे रहा है. सरदारशहर में सब्जियों में लगातार बढ़ रही महंगाई रसोई का गणित बिगाड़ रही है. 

इन दिनों ना सिर्फ सब्जी के भाव भी बढ़ गए हैं बल्कि रसोई का बजट भी गड़बड़ा गया है. गैस सिलेंडर हजार रुपए के आसपास मिल रहा है. वहीं तेल और मसालों में भी भारी तेजी आई है. 100 रुपए की सब्जियां छोटे सी थैली में ही आ जाती है. 300 रुपये प्रतिदिन कमाने वाले व्यक्ति के परिवार में इस समय 100 रुपये प्रतिदिन की भी सब्जी कम पड़ रही है.

गरीब की थाली से दूर हुई हरी सब्जियां!
इन दिनों सब्जियों के भाव इस कदर परवान पर हैं कि हरी सब्जियां खरीद पाना गरीब व्यक्ति के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता जा रहा है. 300 रुपये प्रतिदिन कमाने वाला मजदूर जब शाम को सब्जी खरीदने के लिए जाता है तो या तो उसे बिना हरी सब्जियों के ही वापस लौटना पड़ता है या फिर सौ रुपए में एक वक्त की सब्जी मिल पाती है. 

ऐसे में गरीब की थाली से हरी सब्जियां अब धीरे-धीरे दूर होती जा रही है. चाय का ठेला लगाने वाले सुरेंद्र सैनी ने बताया कि वह दिन भर काम करने के बाद मुश्किल से 300 रुपये कमा पाता है और जब सब्जी लेने जाते हैं तो 200 से 300 रुपए में मात्र 2 या 3 दिन की सब्जी ही आ पाती है. ऐसे में इस वक्त सब्जी खरीदना आम आदमी के बजट से बाहर होता जा रहा है.

आलू और प्याज दे रहे बड़ी राहत
वर्तमान समय में आलू और प्याज ही आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए नजर आ रहे हैं. आलू और प्याज 10 से 15 रुपये प्रति किलो में बिक रहे हैं. ऐसे में हर कोई हफ्ते में चार से 5 दिन आलू और प्याज की सब्जी बनाकर जीवन यापन करता हुआ नजर आ रहा है. 

सब्जी विक्रेता हरी सब्जियों के भाव प्रति किलो न बता कर पाव में बता रहे हैं. क्योंकि हरी सब्जियों के भाव 100 रुपए प्रति किलो से ऊपर पहुंच चुके हैं. ऐसे में सब्जी विक्रेता ग्राहकों को पांव के भाव बताते हैं और अधिकतर ग्राहक पाव या आधा किलो सब्जी लेते हुए नजर आ रहे हैं.

स्थानीय स्तर पर होती है हरी सब्जियों की पैदावार
चुरू जिले में सरदार शहर में सबसे ज्यादा हरी सब्जियों की पैदावार होती है. तहसील का बन्धनाउ गांव सब्जियों की पैदावार के मामले में आसपास के क्षेत्र में प्रसिद्ध है. यहां पर गोभी, लोकी, लोया, टिंडा, तोरई, बैंगन, ककड़ी सहित अनेक हरी सब्जियों की पैदावार होती है. लेकिन वर्तमान समय में इन सब्जियों की भाव भी परवान पर है क्योंकि चुरू जिले में तापमान 45 डिग्री से अधिक होने के कारण सब्जियों की पैदावार कम है. 

सब्जी की पैदावार करने वाले किसान गोपाल सैनी ने बताया कि वर्तमान समय में सब्जियों की पैदावार भी अच्छी है और भाव भी अच्छे मिल रहे हैं. क्योंकि स्थानीय स्तर पर पैदा होने वाली सब्जियां स्थानीय सब्जी की मांग को पूरी नहीं कर पाती जिसके चलते भाव अच्छे मिलते हैं. यहां पर पैदा होने वाली गवारफली की सब्जी पौष्टिक मानी जाती है जिसके चलते गवार फली के भाव 300 रुपए प्रति किलो से ऊपर चल रहे हैं.

सब्जियों ने बिगाड़ा रसोई का बजट
हरी सब्जियों के साथ-साथ गैस सिलेंडर तेल और मसालों के भाव भी परवान पर है. पेट्रोल डीजल के भाव बढ़ने के साथ ही इन सब चीजों के भावों में भी भारी बढ़ोतरी हुई है. गृहणी मोनिका सैनी ने बताया कि सब्जियों के भाव बढ़ने से रसोई का बजट एकदम गड़बड़ा गया है. आम आदमी की पहुंच से सब्जियां खरीदना दूर होता जा रहा है. कोई भी सब्जी 100 रुपये प्रति किलो से कम नहीं मिल रही है. 

गरीब आदमी के लिए सब्जियों के भाव परेशानी का सबब बने हुए हैं उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए की हरी सब्जियों पर ट्रांसपोर्ट खर्चा कम करें और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि किसानों को सब्जियों के लिए प्रोत्साहन दें. ताकि भविष्य में सब्जियों के भाव में राहत मिल सके. गृहणी इंदुबाला शर्मा ने बताया कि सब्जियों में महंगाई आसमान छू रही है. हम चूरु जिले में रहते हैं और यहां पर भयंकर गर्मी में नींबू पानी की अति आवश्यकता रहती है लेकिन नींबू खरीदना हमारे बजट से बाहर है.

फलों की आवक हुई कम तो बढ़ गये दाम
गर्मी आने के साथ ही लोगों को फलों का राजा आम आने का इंतजार रहता है लेकिन आम के दाम अधिक होने के कारण लोग इसे खरीद नहीं पा रहे हैं आम अभी आम आदमी से दूरी बनाए हुए हैं. गर्मी तेज होने के कारण रस वाले फलों की मांग बढ़ने से और आवक कम होने से इनके दामों में भी अचानक बढ़ोतरी हुई है. मंडी में संतरा, अंगूर, अनार आदि की आवक कम होने से इनके दाम भी पहले से ज्यादा हो गए हैं.

ग्राहक तो ग्राहक सब्जी विक्रेता भी परेशान
पेट्रोल डीजल के भाव बढ़ने से सब्जी विक्रेता भी परेशान नजर आ रहे हैं. सब्जी मंडी अध्यक्ष श्यामलाल सैनी ने बताया कि जो सब्जी सीकर में बिकती है वही सब्जी यहां पर प्रति किलो 2 रुपए ज्यादा भाव में मिल रही है. क्योंकि पेट्रोल-डीजल में बढ़ोतरी होने से किराया बढ़ा है जिसके चलते सब्जी महंगी हुई है. 

उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरदार शहर में आचार्य श्री महाश्रमण जी का आगमन होने वाला है. 25 अप्रैल से आचार्य श्री महाश्रमण जी के सरदारशहर आने पर सब्जियों के भाव बढ़ेंगे क्योंकि देश विदेश से पूंजीपति लोग सरदारशहर पहुंचेंगे और लगभग 1 महीने तक यही प्रवास करेंगे लेकिन अभी तक आचार्य श्री महाश्रमण जी के आने को लेकर सब्जियों के भाव में बढ़ोतरी नहीं हुई है. जैसे-जैसे सब्जियों की मांग बढ़ेगी वैसे वैसे भावों में भी बढ़ोतरी हो सकती है. 

गौरतलब है कि सरकारी महंगाई को कम करने की बातें समय-समय पर करती रहती है. लेकिन वर्तमान समय में हर क्षेत्र में महंगाई आसमान छू रही है. अगर बात करें हरी सब्जियों की तो स्थानीय स्तर पर किसानों को प्रोत्साहन देकर सब्जियों की पैदावार को बढ़ाया जा सकता है और सब्जियों के दामों में आगामी दिनों में कमी लाई जा सकती है.

(रिपोर्ट: गोपाल कंवर)

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