चूरू के सुजानगढ़ की टीम हारे का सहारा के प्रयासों से अपनों से बिछुड़े एक बिहारी व्यक्ति को 18 वर्षों बाद अपने परिवार जनों से मिलाया.
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सुजानगढ़ः चूरू के सुजानगढ़ की टीम हारे का सहारा के प्रयासों से अपनों से बिछुड़े एक बिहारी व्यक्ति को 18 वर्षों बाद अपने परिवार जनों से मिलाया. टीम संयोजक श्याम स्वर्णकार ने बताया उन्हें सुजानगढ़ के सम्राट होटल के पास रहने वाले साहिल से सूचना मिली कि पिछले दो दिन से एक व्यक्ति घर के पास गट्टे पर लेटा हुआ है, बहुत कमजोर है. अचेतन अवस्था में है. साहिल ने उसे खाना भी खिलाया और उसकी पहचान राजेंद्र सिंह पुत्र उमाशंकर सिंह उम्र 63 वर्ष, हार्दिया चौक रेलवे कॉलोनी,आई ओ डब्लू ऑफिस, नरकटिया गंज, पश्चिमी चम्पारण, बिहार के रुप में बताई है.
बुजुर्ग के बताए अनुसार उसके बेटे से भी बात की फिर टीम के संयोजक श्याम स्वर्णकार और अरविन्द विश्वेन्द्रा ने उसे सरकारी अस्पताल मे भर्ती कराया. दो दिन बाद रैन बसेरा चुंगी नाका के पास ऑटो से भिजवा दिया. रैन बसेरे में समाजसेवी नंदकिशोर शर्मा और भगीरथ ने उसका ध्यान रखा. पुलिस को सूचना दी. सुजानगढ़ कोतवाली इंचार्ज मुकुट बिहारी मीणा और हेड कांस्टेबल नरेंद्र ने लगातार प्रयास कर घर वालों से संपर्क किया.
एक बार तो घरवालों ने इनकार कर दिया पर आखिर प्रयास रंग लाए और बुजुर्ग के बहु और बेटा वापी गुजरात से आए और रैन बसेरा सुजानगढ़ पहुचे तथा वापी के लिए रवाना हुए. इससे पहले भी टीम हारे का सहारा संयोजक श्याम स्वर्णकार के नेतृत्व मे कई लोगौ को अपने परिजन मिले और कई अज्ञात मृतकों की पहचान भी हुई.
Reporter- Gopal Kanwar
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