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Churu: राजस्थान में राजस्थानी फिल्मों को समय पर अनुदान राशि जारी नहीं होना बड़े ही दुर्भाग्य की बात है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा करके बजट दे दिया, मंत्री है, मंत्रालय और अफसर हैं, सभी मोटी तनख्वा लेते हैं, प्री व्यू कमेटी है, फिर भी राजस्थानी भाषा की फिल्मों को समय पर अनुदान नहीं मिल रहा है. राजस्थानी सिनेमा और सरकार के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है. ये कहना है फिल्म निर्माता निर्देशक राजेन्द्र सिंह शेखावत का. शेखावत ने बताया कि चन्द्र फिल्म्स प्रोडक्शन के बैनर तले बनी राजस्थानी भाषा की फिल्म बावळती को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से यू प्रमाण पत्र मिला हुआ है. इस फिल्म को 22 सितंबर 2021 को अभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ कला एवं संस्कृति विभाग सचिवालय जयपुर में जमा करवा दिया था. कला एवं संस्कृति मंत्री बी डी कल्ला ने नवंबर माह में उप समिति का गठन करके 11 दिसंबर 2021 तक फिल्मों का प्री व्यू देखने के निर्देश भी दिए थे. इतना सब होने के बाद भी आज तक अनुदान मिलना तो दूर, फिल्मों का प्री व्यू तक नहीं देखा गया है.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कला एवं संस्कृति मंत्री बी डी कल्ला के सभी आदेश और निर्देश कहां छू मंतर हो गए, किसी को कुछ पता नहीं है. दुखद बात तो ये भी है कि मुख्यमंत्री और मंत्री ने भी आदेश देकर फिल्मों की कोई सुध नहीं ली है. अगर मुख्यमंत्री और मंत्री इस ओर ध्यान देते तो फिल्मों को दिसंबर 2021 में ही अनुदान राशि जारी हो जाती, लेकिन मुख्यमंत्री और मंत्री के आदेशों को समय पर मूर्त रूप नहीं दिया गया. इस संबंध में कला एवं संस्कृति विभाग के अनुभागाधिकारी ने बताया कि समिति की बैठक नहीं हो रही है. ये ही बात उप समिति के मेंबर के सी मालू कह रहे हैं कि समिति की बैठक नहीं हो रही है.
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कुल मिलाकर राजस्थानी फिल्मों को अनुदान राशि जारी नहीं होने से फिल्म निर्माता बहुत परेशान हैं. साथ ही सरकार की घोषणाएं भी संदेह के घेरे में खड़ी हो गई हैं. निर्माता निर्देशक राजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि इस सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री को भी भला कहलवा दिया है. वो सरकार राजस्थानी फिल्मों को अनुदान देने के मामले में 70 प्रतिशत झूठी निकली थी. जिसका परिणाम सरकार की विदाई के रूप में सबके सामने आया. फिल्मों को अनुदान देने में कांग्रेस की सरकार तो आज तक 100 प्रतिशत झूठी साबित हुई है. शेखावत ने कहा कि अभी भी समय है, सरकार शीघ्र ही अनुदान की लाईन में खड़ी राजस्थानी फिल्मों को राशि जारी कर दें. नहीं तो 100 प्रतिशत झूठी सरकार का ठप्पा हमेशा लगा रहेगा. राजस्थानी फिल्मों को अनुदान राशि जारी नहीं होने के मामले में दोषी कोई भी हो चाहे, बदनामी तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ही हो रही है. अनुदान में रोड़ा अटकाने वाले राजस्थानी सिनेमा और सरकार के हितैषी कतई नहीं कहे जा सकते. मामले को लेकर शेखावत ने एक बार फिर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शीघ्र ही अनुदान राशि जारी करवाने की मांग की है.
रिपोर्टर- गोपाल कंवर